चर्च की बाउण्ड्री तोडऩे व सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला

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कमेटी सचिव की तहरीर पर पुलिस ने मां-बेटी समेत तीन पर दर्ज की एफआईआर
 
ललितपुर। चर्च की बाउण्ड्री तोड़कर अवैध कब्जा करने का प्रयास एवं चर्च सम्पति को नुकसान पहुँचाने का आरोप लगाते हुये चर्च कमेटी ने विगत दिनों डीएम-एसपी को शिकायती पत्र भेजा था। पत्र पर कार्यवाही करते हुये कोतवाली पुलिस ने मां-बेटी समेत तीन पर एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। प्रकरण को लेकर सिविल लाइन निवासी सेन्ट जॉन्स चर्च सचिव प्रमोद हूरीलाल पुत्र एडविन हूरीलाल ने बताया कि सिविल लाईन सेन्ट जन्स चर्च परिसर में विगत 2 मार्च को घुसकर रिनीव विश्वनाथन पुत्री राजन विश्वनाथन, ग्रेसी विश्वनाथन पत्नी राजन विश्वनाथन एवं राजन विश्वनाथन पुत्र अकैया विश्वनाथन अपराह्न 01.30 पर तोडऩे लगे।
कोषाध्यक्ष आकाश मसीह ने जब इन्हें रोका तो उन्हें गन्दी गन्दी गालियों देने लगीं एवं मारने पर आमादा हो गई। शोर सुनकर सचिव प्रमोद हूरीलाल एवं चर्च सदस्य अनूप हैरीसन वहां पहुँचे तो उक्त लोगों ने उन्हें भी जान से मारने एवं झूठे केस में फसाने की धमकी दी। जब ये नहीं मानी तो कमेटी सदस्य आकाश मसीह तनय तिमाँथी ने सी.ओ. सिटी, सिविल लाईन चौकी इन्चार्ज एवं 112 नंम्बर डायल कर के पुलिस को बुलाया। कुछ समय बाद वहां पर पुलिस आ गई, जिन्होने तोड़ फोड़ कर रही महिलाओं को रोका और कोतवाली जाने को कहा परन्तु उक्त महिलायें पुलिस को चकमा देकर मौके से फरार हो गई।
चर्च कमेटी सदस्यों द्वारा चर्च बाउण्ड्री को तोड़े जाने के संम्बन्ध में लिखित सूचना सिविल लाइन चौकी प्रभारी को रात लगभग 8 बजे दी गई। उसी रात लगभग 10 बजे रिनीव विश्वनाथन जो अपने पिता के साथ घर में रहती है। उनकी शह पर हथोड़ा लेकर आई और चर्च की बाउण्ड्री को पूरी तरह से तोड़ दिया और वहा लगे दधि के वोर्ड को उखाडऩे लगी। जिसकी सी.सी.टी.वी. कैमरे की फुटेज सुरक्षित है। बताया कि उक्त महिलायें सरकसी किस्म की महिलायें है जो भूमाफियाओं की शह पर चर्च की जमीन एवं पादरी निवास पर कब्जा करने के लिये किसी हद तक जा सकती हैं।
उक्त महिलाये अपने आप को नुकसान पहुंचाकर और अन्य तरीको से चर्च की कमेटी के सदस्यों पर किसी भी प्रकार का आरोप लगा सकती है। साथ ही जान माल की क्षति पहुँचा सकती है जिसकी क्षतिपूर्ति करना सम्भव नहीं होगा। पुलिस ने चर्च कमेटी सचिव की तहरीर पर उक्त महिलाओं के खिलाफ बीएनएस की धारा 352, 131, 351 (3), 351 (2) व 324 (2) के तहत एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी।
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