अम्बेडकर जयंती और बुद्ध पूर्णिमा मनाने की रुपरेखा पर हुई चर्चा
बैठक के बाद विहार में हुआ बौद्ध विवाह संस्कार
रविवार को सिरमौर बौद्ध विहार सोइया की प्रबंध समिति की बैठक हुई। बैठक में बाबा साहब डॉ अम्बेडकर की धम्म क्रांति को आगे बढ़ाने के लिए बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के साथ समाज में नशाखोरी की प्रवृत्ति रोकने , दहेज मुक्त विवाह के साथ वैवाहिक एवं अन्य सामाजिक आयोजनों में अपव्यय और फिजूलखर्ची रोकने के संदेश दिए गए।
बैठक में 14अप्रैल को अम्बेडकर जयंती और मई में बुद्ध पूर्णिमा पर पारम्परिक कार्यक्रम के आयोजन की रुपरेखा तैयार की गई।
बैठक के बाद विहार में ही एक विवाह संस्कार भी हुआ। संस्कार में अत्यंत कम खर्च में दो नवयुगल परिणय सूत्र में बंधे। बौद्धाचार्य और भिक्षु संघ ने सबके मंगल की कामना की।
सचिव राम फल फौजी ने बैठक और संस्कार में आए धम्म बंधुओं का स्वागत करते हुए सभी संस्कार बौद्ध धम्म से करने और बाबा साहब डॉ अम्बेडकर की बाइस प्रतिज्ञाओं का पालन करने पर जोर दिया।
कवि रामचंद्र सरस ने कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष बुद्ध पूर्णिमा को भव्य रूप दिया जाए और सर्व समाज के लोगों को आमंत्रित किया जाए।
विहार के संगठन सचिव संजय कुमार ने पिछड़े वर्ग के लोगों को बाबा साहब डॉ अम्बेडकर की धम्म क्रांति से जोड़ने के संदेश दिए और कहा कि शिक्षा ही विकास की कुंजी है। शादी विवाह और अन्य आयोजनों में अपव्यय और फिजूलखर्ची रोकें और यही पैसा बच्चों की अच्छी शिक्षा और बौद्ध धम्म के विकास पर खर्च करने पर जोर दिया।
बामसेफ के पूर्व विधानसभा संयोजक रामचंद्र ने पालि भाषा और साहित्य के विकास को लेकर चल रहे आंदोलन को आगे बढ़ाने पर जोर दिया।
बैठक संचालन कोषाध्यक्ष ने रामटहल बौद्ध ने किया।
इस अवसर पर श्यामलाल, रामकिशोर रसीला, हीरालाल बौद्ध,छोटेलाल बौद्ध,मनोहर लाल,डॉ नन्हेलाल,दीपा, सोना देवी, ललित कुमार , भानु प्रताप, हरि भजन, राम प्रसाद बौद्ध, राम प्रताप बौद्ध आदि मौजूद रहे।