दसियों हजार लोग बेरूत में हिज़बुल्लाह नेता नसरल्लाह के अंतिम संस्कार में शामिल

0
7

हसन नसरल्लाह के अंतिम संस्कार में उमड़ा जनसैलाब, लेबनान में कड़ा सुरक्षा बंदोबस्त

हिज़बुल्लाह के संस्थापकों में से एक और 30 से अधिक वर्षों तक संगठन का नेतृत्व करने वाले हसन नसरल्लाह को श्रद्धांजलि देने के लिए रविवार (23 फरवरी, 2025) को बेरूत के एक स्टेडियम में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी। यह अंतिम संस्कार उस इजरायली हवाई हमले के लगभग पांच महीने बाद हुआ, जिसमें नसरल्लाह की मौत हुई थी।

इजरायली हमले में मौत, हिज़बुल्लाह को बड़ा झटका
इजरायल की वायु सेना ने लेबनान की राजधानी के दक्षिणी उपनगर में स्थित हिज़बुल्लाह के मुख्य संचालन केंद्र पर 80 से अधिक बम गिराए थे, जिससे नसरल्लाह की मौत हो गई। यह घटना ईरान समर्थित इस संगठन के लिए एक बड़ा आघात थी, जिसे नसरल्लाह ने पश्चिम एशिया में एक शक्तिशाली बल में तब्दील कर दिया था।

नसरल्लाह को ईरान समर्थित विभिन्न गुटों में व्यापक प्रभाव प्राप्त था। इराक, यमन और फिलिस्तीनी गुटों समेत तथाकथित ‘ईरान-नेतृत्व वाले प्रतिरोध गठबंधन’ में उनका सम्मान किया जाता था।

जनसैलाब और भावनाओं का उफान
लेबनान के बेक़ाआ घाटी से अंतिम संस्कार में शामिल होने आईं शोकाकुल महिला, सहर अल-अत्तार ने कहा, “मैं अभी भी यकीन नहीं कर पा रही हूं कि यह सच है। हम गोलियों की बौछार के बीच भी यहां आते। इसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।”

नसरल्लाह के साथ उनके चचेरे भाई और उत्तराधिकारी, हाशिम सफीउद्दीन का भी अंतिम संस्कार हुआ, जो कुछ दिनों बाद एक इजरायली हवाई हमले में मारे गए थे। नसरल्लाह को बेरूत में दफनाया गया, जबकि सफीउद्दीन को उनके पैतृक गांव दक्षिणी लेबनान में सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया।

राजनीतिक हस्तियों की उपस्थिति
ईरान की संसद के अध्यक्ष मोहम्मद बाक़ेर क़ालीबाफ़ और विदेश मंत्री अब्बास अराग़ची समेत कई क्षेत्रीय नेता अंतिम संस्कार में शामिल हुए। लेबनान के संसद अध्यक्ष और राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। यह लेबनान का दो दशकों में सबसे बड़ा जनसमूह माना जा रहा है।

ईरानी अधिकारियों का आगमन तब हुआ जब लेबनानी अधिकारियों ने उन उड़ानों पर से प्रतिबंध हटा दिया, जिन पर इजरायल ने आरोप लगाया था कि वे हिज़बुल्लाह के लिए नकदी की तस्करी कर रही थीं।

हिज़बुल्लाह ने समर्थकों को जुटाने का किया आह्वान
हिज़बुल्लाह के वरिष्ठ अधिकारी अली दामूश ने बताया कि 65 देशों के लगभग 800 गणमान्य लोग और दुनिया भर के हजारों समर्थक इस अंतिम संस्कार में भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा, “हर गांव, हर शहर से लोग आएं, ताकि दुश्मन को यह संदेश मिले कि यह प्रतिरोध कायम रहेगा।”

हिज़बुल्लाह ने इस अंतिम संस्कार को अपने शक्ति प्रदर्शन का माध्यम बनाया, जिससे यह संदेश दिया जा सके कि संगठन 14 महीने तक चले इजरायल-हिज़बुल्लाह युद्ध के बावजूद मजबूत बना हुआ है। स्टेडियम में हिज़बुल्लाह समर्थक पीले झंडे लहराते हुए “अमेरिका मुर्दाबाद, इजरायल मुर्दाबाद” के नारे लगा रहे थे।

इजरायली सेना की धमकी और हवाई हमले
अंतिम संस्कार के दौरान इजरायली सेना ने दक्षिण और पूर्वी लेबनान में कई हमले किए। इजरायली सेना ने बयान जारी कर कहा कि उसने “लेबनानी क्षेत्र में स्थित एक सैन्य ठिकाने पर सटीक हमला किया, जहां रॉकेट लांचर और हथियार थे।”

इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज़ ने कहा, “हमारा स्पष्ट संदेश है— जो भी इजरायल को मिटाने की धमकी देगा, उसका यही हश्र होगा।”

हिज़बुल्लाह को एक और झटका— सीरिया में असद शासन का पतन
दिसंबर की शुरुआत में सीरिया में असद परिवार के पांच दशक पुराने शासन के पतन से हिज़बुल्लाह को एक और बड़ा झटका लगा। सीरिया, हिज़बुल्लाह के लिए ईरान से हथियार और धन पहुंचाने का मुख्य रास्ता था।

लेबनान में हिज़बुल्लाह के अस्त्र त्यागने की मांग
अमेरिका द्वारा मध्यस्थता किए गए युद्धविराम समझौते के तहत हिज़बुल्लाह को इजरायल की सीमा के पास अपने हथियारबंद लड़ाकों को रखने की अनुमति नहीं है। हिज़बुल्लाह के विरोधी अब पूरे लेबनान में संगठन को निरस्त्र करने और इसे केवल एक राजनीतिक दल तक सीमित करने की मांग कर रहे हैं।

अंतिम संस्कार का आयोजन और सुरक्षा व्यवस्था
हिज़बुल्लाह ने स्टेडियम में विशाल स्क्रीन लगाकर लाखों लोगों के लिए अंतिम संस्कार का लाइव प्रसारण किया। बेरूत और आसपास के इलाकों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई, मुख्य सड़कों को बंद कर दिया गया, और ड्रोन उड़ाने पर पाबंदी लगा दी गई।

लेबनान की सेना और पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया, और बेरूत के रफीक हरीरी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ानों को चार घंटे के लिए रोक दिया गया।

हिज़बुल्लाह ने इस अंतिम संस्कार को ‘हम वचन निभाएंगे’ शीर्षक दिया है।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here