कृष्णानगर,नेपाल। नेपाल की संप्रभुता की सुरक्षा के लिए एक अभूतपूर्व बैठक का आयोजन कृष्णानगर के वार्ड नंबर 6 और 7 में माओवादी केंद्र पार्टी द्वारा किया गया। बैठक में नेपाल की स्वतंत्रता, सम्मान और संप्रभुता की रक्षा के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता का संकल्प लिया गया तथा देश की एकता और जनकल्याण के मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई।
वार्ड नंबर 6 में अब्दुल रकीब खान की अध्यक्षता में 21 सदस्यीय समिति का गठन किया गया, जिसमें उपाध्यक्ष ज्ञानमती यादव और सचिव सर्वेश मिश्रा को चुना गया। वार्ड नंबर 7 में भी एक नई 21 सदस्यीय समिति गठित की गई, जिसकी अध्यक्षता आनंद प्रणानंद मिश्रा ने की, और उपाध्यक्ष शाहजहाँ शाह तथा सचिव उदय राज मौर्य को चुना गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, लुम्बिनी प्रदेश के सदस्य मौलाना मशहूद खान नेपाली ने अपने भाषण में गहरी भावनाओं और जोश के साथ कहा, “नेपाल एक संप्रभु राष्ट्र है, और हम अपनी संप्रभुता और गौरव पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नेपाल को ‘ठग’ कहे जाने का बयान हमारे राष्ट्र की इज्जत पर न केवल हमला है, बल्कि यह हमारे पूरे राष्ट्रीय गौरव को चोट पहुँचाने वाला है। हम इस अपमानजनक बयान की कड़ी निंदा करते हैं और इस बयान के खिलाफ हर स्तर पर आवाज उठाएंगे।”
मौलाना मशहूद खान नेपाली ने कहा, “यह हमारी सरकार की कमजोरी है कि वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नेपाल के सम्मान को बढ़ावा देने में विफल रही है। हम यह साफ-साफ कहते हैं कि नेपाली जनता ऐसे अपमानजनक फैसलों और बयानों को कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगी। सरकार को चाहिए कि वह अमेरिकी दूतावास को तलब कर इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज कराए।”
मौलाना मशहूद खान ने कहा कि नेपाल की जनता के साथ मिलकर हम एक मजबूत क्रांतिकारी आंदोलन की शुरुआत करेंगे, जो हमारे गौरव, हमारी संप्रभुता और हमारे राष्ट्रीय पहचान को वैश्विक मंचों पर और अधिक मजबूती से स्थापित करेगा। नेपाल की इज्जत और संप्रभुता की रक्षा हमारी सर्वोत्तम प्राथमिकता है, और हम इसे किसी भी कीमत पर खतरे में नहीं डालने देंगे।”
कृष्णनगर समिति के अध्यक्ष जावेद आलम खान ने इस अवसर पर कहा, “हमारे लिए नेपाल की स्वतंत्रता, संप्रभुता और सम्मान सबसे महत्वपूर्ण है। हम किसी भी कीमत पर अपनी मातृभूमि की रक्षा करेंगे। यह बैठक इस बात का प्रमाण है कि हम अपने देश की सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार हैं।”
कार्यक्रम को सफल बनाने में तुफैल आलम खान और आज़ाद अहमद खान नाजिम की कड़ी मेहनत की सराहना की गई, जिनकी बदौलत यह ऐतिहासिक कार्यक्रम संपन्न हुआ।
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