शोहरतगढ़ सिद्धार्थनगर। विकास खण्ड शोहरतगढ़ क्षेत्र के ग्राम पंचायत मस्जिदिया पिपरी बाजार में शिवरात्रि के पावन पर्व पर श्रीराम महायज्ञ एवम श्रीमद्भागवत भागवत कथा के चौथे दिन भक्त प्रहलाद कथा प्रसंग सुनाते हुए कथा वाचिका प्रगति पाण्डेय ने कहा कि भक्तों की रक्षा के लिए जगत के पालनहार स्वयं अवतरित होकर दुष्टों का संहार करते हैं। मानव शरीर नश्वर है।जो जन्म लेता है उसकी मृत्यु अटल है इसलिए हर मनुष्य को अपने जीवन में अच्छे कर्म करते हुए परोपकारी व दयालु बनना चाहिए। असहाय व गरीबों की मदद करना चाहिए तथा गौ की सेवा अवश्य करना चाहिए।कहा कि प्रहलाद का जन्म राक्षस कुल में हुआ था।प्रहलाद बचपन से हरि बिष्णु की भक्ति में लीन रहते थे इससे उनके पिता हिरणाकश्यप काफी क्रोधित होते थे और प्रहलाद को तरह की यातनाएं भी देते थे।मगर भक्त प्रहलाद ने ईश्वर के प्रति अपनी आस्था जारी रखा।एक दिन हिरणाकश्यप ने प्रहलाद से परीक्षा ली और कहा अगर बिष्णु ईश्वर है तो इस खम्भे में प्रकट करके दिखाओ। प्रहलाद ने ईश्वरका ध्यान किया और वह खम्भे में नरसिंह का अवतार लेकर प्रगट हुए। दुष्ट व पापी पिता से प्रहलाद को बचाने के लिए हरि बिष्णु ने नरसिंह अवतार में हिरणाकश्यप का नाखूनों से वध कर दिया। कहा कि धन, बल व पद का कभी भी अहंकार नहीं करना चाहिए।इस दौरान ग्राम प्रधान शुकलावती देवी, श्रवण कुमार जायसवाल,अशोक कुमार जायसवाल, भगवान चौहान, शेषमुनि गुप्ता, बलिराम, किरन, गुड़िया सलोनी आदि लोग मौजूद रहें।
Also read