पिकअप हादसे के बाद खुला राज

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बरेली। फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र में एक पिकअप वाहन के बस से टकराने के बाद एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। हादसे के बाद पिकअप का डाला खुला तो उसमें से हजारों की संख्या में पशुओं के कटे हुए पैर सड़क पर बिखर गए। इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया और हिंदू संगठनों ने कड़ी नाराजगी जाहिर की। विश्व हिंदू महासंघ गोरक्षा प्रकोष्ठ की ओर से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।
गुरुवार सुबह फतेहगंज पश्चिमी के धनेटा फाटक के पास एक पिकअप वाहन सामने से आ रही बस से टकरा गया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि पिकअप का पिछला हिस्सा खुल गया और उसमें भरे पशुओं के पैर सड़क पर फैल गए। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद लोग स्तब्ध रह गए। देखते ही देखते मौके पर भीड़ इकट्ठा हो गई और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता भी घटनास्थल पर पहुंच गए।
फतेहगंज पश्चिमी थाना प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। वाहन के नंबर के आधार पर उसके मालिक और घटना से जुड़े अन्य लोगों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है।
इतनी बड़ी संख्या में पशुओं के पैर कहां से आए? स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों ने आशंका जताई है कि ये अवशेष किसी बड़े स्लॉटर हाउस से लाए जा रहे थे। विश्व हिंदू महासंघ गोरक्षा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष महिपाल गुर्जर ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि दुर्घटनाग्रस्त छोटा हाथी वाहन (UP25ET8661) में जानवरों के पैर लदे थे। उन्होंने अपने पदाधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर दावा किया कि ये पैर गोवंश और भैंस के हैं।
गौरतलब है कि सर्दियों के मौसम में पाय की मांग बढ़ जाती है, जिससे इसकी कीमत भी अधिक हो जाती है। आशंका जताई जा रही है कि इन कटे हुए पैरों को मीट शॉप में सप्लाई किया जाना था, लेकिन दुर्घटना के कारण मामला उजागर हो गया। पिकअप वाहन बरेली में पंजीकृत है, लेकिन इसे कहां ले जाया जा रहा था, यह पुलिस जांच का विषय बना हुआ है
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