भरुआ सुमेरपुर। आर्य समाज का टेढ़ा में आयोजित वेद कथा में आचार्य आनंद पुरुषार्थी ने कहा कि ईश्वर से हम प्राय: बुद्धि के तेज होने की प्रार्थना करते हैं वस्तुतः बुद्धि के तेज होने से ज्यादा उसका पवित्र होना आवश्यक है ।
कहा कि संसार में ऐसे बहुत लोग हैं। जिनकी बुद्धि तेज है। लेकिन वह दुनिया में अराजकता फैला रहे हैं। लेकिन यदि हमारी बुद्धि में पवित्रता हो तो कम तेज बुद्धि भी हमारा और दूसरों का कल्याण कर सकती है । उन्होंने कहा एक व्यक्ति अपने पूरे जीवन में अपने बच्चों के कैरियर बनाने का ही प्रयास करता है। परंतु उनको संस्कारों पर ध्यान ही नहीं देते है।
रोहतक से पधारे हुए आचार्य सत्यव्रत ने ईश्वर व वेद पर विस्तार से चर्चा की। आज धर्म के नाम पर आडंबर और अंधविश्वास कुरीतियो का बोलबाला है।
साध्वी कुमारी नारायणी आर्य ने महर्षि दयानन्द जी के ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश पर सैद्धांतिक चर्चा की। रामसेवक आर्य, प्रजा चक्षु,नेत्रपाल आर्य ने भजन सुनाएं।आर्य वीर दल के प्रांतीय संचालक डॉ विवेक आर्य ने बताया कि नई पीढ़ी सिगरेट तम्बाकू गुटका शराब आदि से ग्रसित हो रही है।इससे दूर करने के लिए इनका मार्गदर्शन नितांत आवश्यक है।इसके लिए आर्य समाज ने इसका बीड़ा उठाया हुआ है। संचालन श्रीराम आर्य ने किया । कार्यक्रम में विनोद साहू ,मनीष गोविंद,इंदल प्रसाद ,रमेश चंद्र आर्य शिवकुमार,अभिषेक आदित्य,शिवम साहू, श्यामसुंदर, रूबी, सूरज उपस्थित रहे ।
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