विद्युत की अघोषित कटौती से सूखने की कगार पर पहुंची फसल

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रबी की फसल को सूखने से बचाने की डीएम से किसानों ने लगायी गुहार
ज्ञापन भेजकर विद्युत की अघोषित कटौती बंद कराने की उठायी मांग

ललितपुर। जिले के कई ग्रामीण अंचलों में निर्धारित समय से अधिक विद्युत कटौती की जा रही है, जिससे किसानों के खेतों में रबी की फसल सूखने की कगार पर पहुंच रहीं हैं। इस सम्बन्ध में गुरूवार को ग्राम कारीटोरन, इमलिया, बरखिरिया, खजरा, गदयाना, डुलावन के किसानों ने लामबंद होकर जिलाधिकारी को एक ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में बताया कि उक्त ग्रामीण अंचलों में बांसी फीडर से विद्युत आपूर्ति की जाती है, लेकिन कुछ समय से विद्युत की अघोषित कटौती चरम पर है, जिससे खेतों में रबी की फसल सूखने की कगार पर पहुंच चुकी है। किसानों ने बताया कि यदि यही स्थिति बनी रही तो यहां के किसान पूरी तरह से बर्बाद हो जायेंगे। बताया कि प्रत्येक गांव में 10-10 संयोजन हैं, जिसकी सबके पास सम्पूर्ण रसीदें हैं कोई भी किसी तरह का कोई बकायेदार नहीं है। बावजूद इसके भी विद्युत कर्मियों की मनमानी व लापरवाही से किसानों को परेशानियां उठानी पड़ रहीं है। इस सम्बन्ध में मौखिक व लिखित शिकायत सम्बन्धित अधिकारियों से की गयी, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। बताया कि 1 फरवरी को सम्पूर्ण तालबेहट के समाधान दिवस में शिकायती पत्र दिया गया, जिस पर भी कार्यवाही नहीं हुयी। आरोप है कि शिकायती पत्र देने के बाद विद्युत की अघोषित कटौती का समय और बढ़ गया, जिससे किसानों को भारी परेशानियां हुयीं। बताया कि विगत दिनों कारीटोरन निवासी कृष्णशंकर पाराशर ने आईजीआरएस पर अधीक्षण अभियंता को पत्र लिखकर शिकायत की थी, जिस पर एसडीओ बांसी कार्यालय से अवगत कराया गया था कि रोस्टर के अनुसार कोई भी कटौती नहीं की जा रही है और शिकायत मिलने पर सम्बन्धित लाइनमैन को हटा दिया गया है। यह लिखकर निस्तारण की पुष्टि कर दी गयी और कृष्णशंकर से फोन पर कहा गया कि अब विद्युत कटौती नहीं हागी। परन्तु दूसरे दिन से उक्त क्षेत्र के किसान और अधिक परेशान हुये हैं। किसानों ने जिलाधिकारी से मामला संज्ञान लेकर विद्युत की अघोषित कटौती बंद कराये जाने और किसानों को समय से बिजली उपलब्ध कराकर रबी की फसल सूखने से बचाये जाने की मांग उठायी है। ज्ञापन देते समय कृष्णशंकर पाराशर, सुनील शर्मा, माधव सिंह, पहाड़ सिंह, राजकुमार, रामकिशोर, शैलेष, भगुन्ते अहिरवार, हरीबाबू, रामगोपाल, नरेन्द्र सिंह, नाथूराम तिवारी, जयकुमार, रामसहाय पाठक, श्रीराम सिंह, सुजान सिंह, राजू तिवारी, श्यामबाबू, गजराम, खलक सिंह, जगभान अहिरवार, बद्रीप्रसाद, नन्दू, बरजोरे अहिरवार, रविन्द्र कुमार, दरऊ अहिरवार, मनीराम, सियाराम, सुनील, बृजभान, अनिल, रामजी पाठक, पवन कुमार, मेहरबान सिंह आदि मौजूद रहे।

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