सिद्धार्थनगर। क्षय रोग (टीबी) के रोकथाम के लिए सघन जांच अभियान चलाकर टीबी रोगियों की पहचान की जा रही है। इसी कड़ी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जोगिया अंतर्गत आयुष्मान आरोग्य मंदिर करौंदा मसिना में जांच शिविर के दूसरे दिन शुक्रवार को 110 लोगों की जांच हुई, जिसमें आठ सस्पेक्टेड मिले। संदिग्ध पाए गए रोगियो की बलगम व एक्सरे जांच के बाद इन पर रोग की पुष्टि होगी।
आयुष्मान आरोग्य मंदिर करौंदा मसिना में शुक्रवार को आयोजित शिविर में ग्रामीणों के बीच सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी शारदा कुमारी रावत ने कहा कि टीबी के जीवाणु वायु द्वारा भी फैलते हैं। जब फेफड़ों की टीबी का रोगी खांसता या छींकता है तो वह माइक्रो वैक्टीरियम ट्यूबर कुलोसिस नाम के रोगाणु छोटे-छोटे कणों के रूप में वातारण में फैलता है। बलगम के छोटे छोटे कण सांस के साथ स्वस्थ्य व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करते हैं। तब मरीज क्षय रोग से ग्रसित हो जाता है। सीएचओ ने बताया कि दो सप्ताह या इससे अधिक समय से लगातार खांसी आना, खांसी के साथ बलगम का आना, शाम के समय अक्सर शरीर का तापमान बढ़ जाना, संभावित रोगी के शरीर का वजन लगातार कम होना, प्रभावित मरीज के सीने में अक्सर दर्द महसूस होना, प्रभावित मरीज का बलगम रक्त रंजित होकर निकलना टीबी रोग के लक्षण हैं। बताया कि जरूरी नहीं है कि जिन पर टीबी रोग के लक्षण मिले हैं, उनमें टीबी रोग ही निकले। भली प्रकार जांच के बाद ही टीबी रोगियों के लिए दवा शुरू करेंगे। शिविर के दौरान 110 लोगों की एक्सरे से जांच हुई। जिसमें आठ संदिग्ध मिले। जांच शिविर में एक्सरे टेक्नीशियन अंकुर सिंह, मनोज कुमार मिश्र, आशा कार्यकर्ता सुशीला देवी, रीता मौजूद रही।
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