शोधकर्ताओ के लिए वरदान होती है पुस्तकें अजय कुमार शर्मा

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संभल अवधनामा संस्कार भारती के तत्वावधान में एक साहित्यिक कार्यक्रम इंडियन स्कॉलर एकेडमी में आयोजित किया गया, जिसका शुभारम्भ, रूपकिशोर गुप्ता,दीपक गोस्वामी चिराग एवं शबनम शर्मा द्वारा माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया गया। इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध आलोचक दिलीप कुमार पाण्डेय द्वारा लिखित समीक्षात्मक पुस्तक ”रचनाशीलता का गणित” का लोकार्पण किया गया।
कवि अतुल कुमार शर्मा ने “रचनाशीलता का गणित” पुस्तक पर प्रकाश डालते हुए कहा कि साहित्य की सेवा करना, कोई आसान कार्य नहीं होता। इसकी सेवाएँ एक पीढ़ी के लिए नहीं, बल्कि अनंतकाल तक के लिए वरदान साबित होती हैं। समाज को दिशा प्रदान करने वाले साहित्यकारों को, हमेशा सम्मान मिलता है।
डॉक्टर संदीप कुमार सचेत ने आलोचक दिलीप पाण्डेय के समीक्षात्मक लेख की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसमें 33 साहित्यकारों की न केवल समीक्षाएं हैं, बल्कि 33 देवी-देवताओं का साहित्यिक परिचय समाहित है।
अध्यक्षता करते हुए हिंदू जागृति मंच के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार शर्मा ने कहा कि पुस्तकें हमेशा ज्ञान प्रदान कराती हैं, जिससे हमारे अन्दर जीवन जीने की कला आती है , और शोधकर्ताओं के लिए तो पुस्तकें वरदान साबित होती हैं।
कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार श्रीपाल शर्मा, रूपकिशोर गुप्ता, डॉक्टर सुनीता, मनीषा गौतम, सुभाष चंद्र शर्मा, ज्ञानप्रकाश उपाध्याय, मनमोहन गुप्ता आदि कविगणों द्वारा दी गई काव्य-प्रस्तुति से सभी श्रोता मंत्र मुग्ध हो गए।
इस अवसर पर वीकेश शर्मा,तनिष्क कौशिक,अमन सिंह, विकास वर्मा, विशेष कुमार शर्मा, महेंद्र सिंह, रवींद्र पाल , विजय शर्मा, गुरमीत सिंह, श्रेय कौशिक, सत्येंद्र सिंह, शिवानी शर्मा, सेवाराम सिंह, मनीष जोशी आदि लोग उपस्थित रहे। अध्यक्षता अजय कुमार शर्मा एवं संचालन ज्ञान प्रकाश उपाध्याय ने किया।
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