लखनऊ: प्रदेश की राजधानी के हज़रत गंज इलाक़े में इमामबाड़ा सिब्तैनाबाद की शानदार ईमारत को एक बार फिर खतरा पैदा होगया है. कुछ क़ब्ज़ेदारों ने इसके बाहरी गेट मैं निर्माण कार्य शुरू करदिया है.
इमामबाड़ा सिब्तैनाबाद अवध के अंतिम बादशाह वाजिद अली शाह के पिता श्री अमजद अली शाह का मक़बरा भी है.
यह शानदार धरोहर पुरातत्व विभाग में दर्ज है और यहाँ दूर दूर से पर्यटक भवन को देखने और अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करने आते हैं.
इमामबाड़ा सिब्तैनाबाद शिया वक़्फ़ बोर्ड में भी दर्ज है और इसकी सम्पतियों पर से नाजाएज़ क़ब्ज़ेदारों को हटाने की क्रिया जारी है.
इमामबाड़ा सिब्तैनाबाद वक़्फ़ के ट्रस्टी मोहम्मद हैदर अधिवक्ता के अनुसार ईमारत के बाहरी गेट पर निर्माण का कार्य तेज़्ज़ी से चल रहा है जिसकी सूचना पुरातत्व विभाग के ज़िम्मेदार इंदु प्रकाश को भी दे दी है
https://twitter.com/shahernama1/status/1211315861937512455?s=20
ज्ञात हो की मुहर्रम के अतिरिक्त इस इमामबाड़े में मजलिसों और अन्य धार्मिक कार्य सम्पन किये जाते हैं.
मोहम्मद हैदर के अनुसार पहले से ही ईमारत के इर्द गिर्द क़ब्ज़ेदारों ने मन मानी कर रखी है जिसकी सूचना समय समय पर वक़्फ़ बोर्ड और पुरातत्व विभाग को दी जाती रही है
इस शानदार भवन का निर्माण १8४७ में हुवा था.
Also read