ललितपुर। अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम से संबद्ध सेवा समर्पण संस्थान द्वारा प्रथम जनजाति महिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रानी मां गाइदिन्ल्यू का जन्म दिवस महिला सशक्तिकरण के रूप में ललितपुर नगर में स्थित नृसिंह धर्मशाला में मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला आबकारी अधिकारी अन्विता तिवारी ने की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जीजीआईसी प्राचार्य पूनम मलिक, विशिष्ट अतिथि जीजीआईसी प्रवक्ता रितु गुप्ता रही। मुख्य वक्ता जनक किशोरी शर्मा पूर्व प्राचार्य रही। आबकारी निरीक्षक अन्विता तिवारी ने कहा कि इस समाज को शिक्षित होने की आवश्यकता है। संस्थान अपने विभिन्न प्रकल्पों के माध्यम से बखूबी निभा रहा है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ तभी मिलेगा जब आप शिक्षित होंगे तथा अपने पास आधार कार्ड होगा। जब समाज स्वस्थ होता है तो राष्ट्र भी स्वस्थ होगा। मुख्य अतिथि ने कहा कि गार्गी रानी लक्ष्मीबाई गायत्री जैसी न्यारियों ने अपने विरोधियों के दांत खट्टे कर दिए थे। इतिहास बदलता रहता है युग बदलता है तो विचार भी बदलते हैं समाज आर्थिक धार्मिक मूल्य भी बदलते हैं। पूर्व प्रधानाचार्या ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य भी बदलता है पहले शिक्षा का उद्देश्य केवल मोक्ष पाना था अपने को परमात्मा में मिलने का था फिर इसमें गिरावट आई। विदेशियों ने आक्रमण किया तथा अपनी आन बान शान की सुरक्षा के लिए नारियों घर के अंदर रहने लगी जो कि बाद में आदत बन गई। जब तक इस समाज की महिलाएं शिक्षित नहीं होगी तब तक इनका सर्वांगीण विकास नहीं होगा तथा समाज राष्ट्र के प्रति समर्पित नहीं होगा। अत: अशिक्षा ही मूल कृतियों की जड़ है। कोई भी नारी शिक्षित होकर अच्छा कार्य करके रानी मां की तरह अपना नाम देश के इतिहास में अमर कर सकती है। इस दौरान इंजी.हकीम, पवन कौशिक, काशीनाथ नायक, डा.जगवीर सिंह, संतोष पाठक, हरनाम सिंह, गणेशीबाई सहरिया, कुसुम सहरिया, सुबोध गोस्वामी सारस्वत, मदन सहरिया, देशराज सहरिया, रामप्रकाश शर्मा, गुडडी सहरिया, शोभा सहरिया, राजा बेटी आदि मौजूद रहीं। संचालन सुबोध गोस्वामी शाश्वत व रितु गुप्ता ने संयुक्त रूप से किया।
प्रथम जनजाति महिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
रानी मां गाइदिन्ल्यू का जन्म दिवस नारी सशक्तिकरण दिवस के रूप में मनाया
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