ललितपुर। एलयूसीसी नाम की चिटफण्ड कम्पनी बनाकर करोड़ों रुपये का घोटाला करने वाला मुख्य सरगना दुबई में होने की खबरें लगातार सामने आ रहीं हैं। वहीं दूसरी ओर झांसी परिक्षेत्र के डीआईजी ने मुख्य सरगना पर ईनाम भी घोषित कर रखा है। इधर ललितपुर पुलिस एलयूसीसी से जुड़े बड़े-बड़े ठगों को खोज-खोजकर सीखचों के पीछे करने का काम लगातार अंजाम दे रही है। इसी क्रम में तालबेहट पुलिस ने षड्यन्त्र-पूर्वक कूटरचित दस्तावेज तैयार कर लोगों के साथ धोखाधड़ी करने वाले वांछित दो अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में सफलता हांसिल की है। पुलिस ने मध्य प्रदेश के इन्दौर थाना भंवरकुंआ के अपराजिता हाऊस इन्द्रपुरी कालोनी निवासी पारीक्षित पारसे पुत्र स्व.रमेश एवं झांसी के मोहल्ला थाना निवासी राजेन्द्र गुप्ता उर्फ राजू पुत्र स्व.महेशचंद्र को हिरासत में लिया है। दोनों अभियुक्तों के खिलाफ बीएनएस की धारा 111, 318, 336(3), 340 (2), 61(2), 351(3) व आविनियमित जमा योजना निक्षेप अधिनियम 2019 की धारा 3/21 के तहत मामला दर्ज है। पूछताछ में पारीक्षित पारसे ने बताया कि वह गिरोहबंद रहते हुये लोगों को दोगुनी रकम करने का प्रलोभन देकर कार्य करता था। बताया कि वह भारत के अलग-अलग राज्यों में समीर अग्रवाल द्वारा एलयूसीसी व सागा ग्रुप के अलग-अलग शाखाओं में बैंकों की होने वाली समस्याओं को दूर करता था। इसके अलावा उसने कई जगहों पर एलयूसीसी के एटीएम भी लगवाये। राजेन्द्र गुप्ता ने बताया कि वह एलयूसीसी के गिरोह का सक्रिय सदस्य है और चन्द्रजीत चौरसिया जिनकी मृत्यु हो चुकी है, झांसी के चेस्ट बैंक को देखते थे और एलयूसीसी कम्पनी के अलग-अलग शाखाओं में सारा रुपया एकत्र कर झांसी के चेस्ट बैंक में आता था। इस रुपये को वह जमीनों की खरीद में लगाते थे। बताया कि समीर अग्रवाल व कम्पनी के अन्य सदस्यों द्वारा कई डमी कम्पनियां बनायी हैं, जिनमें एक भास्कर इन्फ्राकॉन कम्पनी जो कि झांसी में है में भी एलयूसीसी का रुपया लगाकर बनाया गया था, इसके माध्यम से सारा रुपया जमीनों में खर्च होता था। महाठगों को पकडऩे वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक रमेशचंद्र मिश्रा व प्रभारी निरीक्षक अनुराग अवस्थी शामिल रहे।
एलयूसीसी के दो महाठग और चढ़े पुलिस के हत्थे
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