अली असग़र और जनाबे सकीना की पैदाइश पर हुई महफ़िल

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इटावा। शहीदाने कर्बला इमाम हुसैन के मासूम बेटे अली असग़र और बेटी सकीना की पैदाइश की खुशी में अब्बास हैदर राजा के संयोजन में दरगाह मौला अब्बास महेरे पर महफ़िल का आयोजन किया गया,महफ़िल की अध्यक्षता मौलाना अनवारुल हसन ज़ैदी इमामे जुमा ने की।महफ़िल में शायर वक़ार सुल्तानपुरी ने कलाम पेश करते हुए कहा जो अपने सीने में इश्के अली नही रखते, वो जिंदा होते हुए जिंदगी नहीं रखते,जो एक खर्च करोगे हजार पाओगे,हुसैन कर्ज़ किसी का कभी नहीं रखते।शायर मीसम अब्बास काज़मी ने कलाम पेश करते हुए कहा कर्बला के हसीं शहजादे तुझको देखा नहीं हमने लेकिन,दिल के कागज पे तस्वीर तेरी जिंदगी भर बनाते रहेंगे। शायर नज़्म लखनवी ने कलाम पेश करते हुए कहा तीरों की जद पे आकर बेख़ौफ़ मुस्कुराकर,ये कौन हुरमुला की नींदें उड़ा रहा है।शायर तसलीम रज़ा ऊधम ने कहा अली के दिलरुबा और फ़ातिमा ज़हरा के दिलवर हैं,सकीना और अली असग़र सुकूने कल्बे सरवर हैं।शायर तनवीर हसन ने कहा हाथ मे असग़र तुम्हारे तीर न तलवार है,मार्का तारीख में ऐसा तो पहली बार है,मुठ्ठियां खोलीं नहीं असग़र ने मकतल की कसम,देख जालिम साफ बैयत से यही इनकार है।ताबिश रिज़वी ने कहा चुना गया है जिसे सिर्फ कर्बला के लिए,अजीम ये है शरफ़ एक सूरमा के लिए,जहां में असग़रे बेशीर आने वाले हैं, अब इम्तिहान की मंजिल है हुरमुला के लिए।अली अब्बास सलमान ने संचालन करते हुए ये कलाम पेश किया अल्लाह की नजरों में ये रुतबा है सकीना का, मिलता हुआ ज़हरा से चेहरा है सकीना का। इसके अलावा आसिफ रिज़वी अश्शू,आबिद रजा,तालिब रिज़वी,गाजी, अर्श आदि ने भी कलाम पेश किए।
महफ़िल में कुरन्दाजी में जिन 14 लोगों के नाम निकले उन्हें मौलाना अनवारुल हसन ज़ैदी इमामे जुमा इटावा,राहत अक़ील शक्कन,आयोजक अब्बास हैदर राजा द्वारा प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।महफ़िल में काफी संख्या में लोगों ने भाग लिया।
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