पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्षा ममता बनर्जी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के लिए टोपियां खरीद रही है और वह कार्यकर्ता तोड़फोड़ करके सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं ताकि एक समुदाय विशेष को बदनाम किया जाए।
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल को कोलकाता में एक रैली के दौरान यह बयान दिया है। देशभर के कई शहरों में नागरिकता कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है और कई जगहों पर प्रदर्शन हिंसक हो रह है।
ममता बनर्जी ने कहा कि हम इस देश में दूसरों की दया पर नहीं रह रहे हैं। भाजपा की स्थापना 1980 में हुई थी और वह हमारे 1970 के नागरिकता दस्तावेज मांग रही है।
भाजपा संशोधित नागरिकता अधिनियम को हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच की एक लड़ाई बनाना चाहती है। ममता बनर्जी ने अपनी कोलकाता रैली में भाजपा निशाना साधते हुए कहा कि अगर बीजेपी में हिम्मत है, तो उसे संशोधित नागरिकता अधिनियम और NRC पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी वाले जनमत संग्रह के लिए जाना चाहिए।
ममता बनर्जी ने गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उनका काम देश में आग लगाना नहीं बल्कि इसे बुझाना है ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ नारे पर कटाक्ष करते हुए बनर्जी ने कहा कि भाजपा सरकार ने देश में सबका सत्यानाश कर दिया है। बनर्जी ने आश्चर्य जताया कि क्या भाजपा नागरिकता को वैध बनाने की ‘‘वाशिंग मशीन’’ बन गयी है ।
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ कोलकाता में हावड़ा मैदान से एसप्लानेड तक विरोध मार्च का नेतृत्व करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं अमित शाह से सुनिश्चित करने का अनुरोध करती हूं कि देश नहीं जले। आपका काम देश में आग लगाना नहीं बल्कि इसे बुझाना है।’’
सीएम ममता ने शाह से देश का ध्यान रखने और भाजपा कार्यकर्ताओं को ‘‘नियंत्रित’’ करने की भी अपील की। बनर्जी ने फिर दोहराया कि वह पश्चिम बंगाल में नागिरकता कानून और एनआरसी लागू नहीं होने देंगी।
ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘आप (शाह) कहते हैं कि किसी कि नागरिकता नहीं जाएगी। लेकिन अब आप (यह भी) कह रहे हैं कि पैन, आधार से नागरिकता साबित नहीं होगी। फिर क्या काम करेगा? भाजपा का ताबीज? भाजपा वाशिंग मशीन बन गयी है।’’
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा कि अगर गृह मंत्री के मुताबिक आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है तो इसे कल्याणकारी योजनाओं और बैंकिंग व्यवस्था से क्यों जोड़ा गया।
बनर्जी ने एनआरसी और संशोधित नागरिकता कानून का विरोध करते हुए सोमवार और मंगलवार को दो प्रदर्शन मार्च का नेतृत्व किया। अगले दो दिनों में वह दो और मार्च का नेतृत्व करेंगी।
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