अवैध खनन माफियाओं का रामगंगा किनारे गढ़ किसानों की फसल के साथ राजस्व का कर रहे लाखों का नुकसान

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प्रतिदिन रात्रि में 10 ट्रैक्टरों से हो रही सप्लाई दो खनन माफियाओ का है गढ
तीन हजार रूपये प्रति ट्राली की हो रही सप्लाई 
शाहजहांपुर अल्हागंज। कस्बे क्षेत्र के कुडरी रामगंगा  नदी के किनारे दो खनन माफियाओ का गढ़ बन गया है प्रतिदिन शाम ढलते ही रामगंगा नदी से कस्बे तक दर्जनों ट्रैक्टर गरजने लगते हैं जो किसानों की फसल के साथ साथ राजस्व को भी चूना लगा रहे हैं। बेहतरीन नजराने के कारण अवैध बालू व  मिट्टी का कारोबार फल फूल रहा है। सरकार व अधिकारी कितना भी प्रयास कर ले पर अवैध खनन करने पर अंकुश लगाना बहुत ही मुश्किल है। शाम होते ही रामगंगा नदी से कुडरी व मंझा गांव तथा कस्बे तक बेलाखेड़ा समापुर व  खनन माफियाओ के सरदार मुखिया अल्हागंज के दर्जनों ट्रैक्टर गरजने लगते हैं रात्रि में हाई स्पीड इनकी यातायात सप्ताह को भी फेल करके रख दिया है। रामगंगा नदी से चलकर कस्बे तक आने में इन्हें मात्र 10 मिनट का समय लगता है रास्ते में पढ़ने वाले खेत खलियान व गेहू की फसल को नुकसान पहुंचाते हुए यह कस्बे सहित अन्य क्षेत्रों में अवैध बालू व मिट्टी की सप्लाई करते हैं। क्षेत्रीय राजस्व के संरक्षण में है ए इनका गोरख धंधा फल फूल रहा है। फसल के साथ-साथ राजस्व का लाखों का चूना लगा रहे हैं। ना तो दर्जनों ट्रैक्टर के पास कोई परमिशन होती है न ही ट्रैक्टर चालकों के पास लाइसेंस। शराब के नशे में चालक अधिकारियों को बचाते हुए हाई स्पीड में निकल जाते हैं जिससे  रास्ते में आने वाले खेतो की फसलों का भी नुकसान हो जाता है। 3000 रुपए प्रति ट्राली बालू की बिक्री होती है तो 1000 रुपए ट्राली मिट्टी की। अल्लाहगंज निवासी खनन सरदार का दव दवा के चलते यह न तो विभाग से परमीशन लेते है न ही खेत मालिक से कोई परमीशन लेते है। रामगंगा के किनारे जब ट्रैक्टर फस जाते हैं  तो यहां खेतों से भी खुदाई कर लेते हैं। कुड़री क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन से लाखों का नुकसान राजस्व  को होने के बाद भी तहसील के अधिकारी यह सब जानते हुए भी कारोबार करा रहे हैं।
मिट्टी बालू ट्रालियों के साथ देते है अवैध वाहनों को भी लोकेशन
कस्बे का निवासी अवैध खनन माफियाओ का सरदार जो कार्य अन्य सरकारों में भी करता था वह इस सरकार में भी कर रहा है खनन के अलावा अवैध गाड़ियों को निकल बाने का भी लोकेशन का कार्य कर रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अवैध खनन के ट्रैक्टरों को रामगंगा नदी से निकलवाने के लिए आठ सूचना तंत्र लोकेशन पर लगाए जाते हैं जो अधिकारियों की आने की सूचना पल पल पर देते रहते हैं। तथा इसके साथ-साथ अवैध वाहनों को भी अधिकारियों की लोकेशन की जानकारी देते रहते हैं। मोटरसाइकिल से यह सूचना तंत्र एक सूचना तंत्र गांव कुंडरी चौराहा दूसरा गांव मंझा तीसरा समापुर पुलिया चौथा समापुर मोंड पांचवा बांध मार्ग छठवा चौरसिया और सातवा हुल्लापुर चौराहा तथा एक सूचना तंत्र ट्रैक्टर के आगे आगे चलता है। जो पल पल लोकेशन देता रहता है कोई भी अधिकारी किसी भी रास्ते से आए एक दूसरे को लोकेशन का पता फॉरवर्ड हो जाता है। सूत्रों की मांने खनन माफिया का सरदार ऐसे ही अधिकारियों की सूचना हाईवे पर चलने वाले वाहनों को भी देता है। जिसकी भनक अधिकारियों को लग गई है बीती रात कुछ अधिकारियों की गाड़ियों ने अवैध खनन ट्रैक्टरों व रात्रि में लोकेशन देने वाले सूचना तांत्रियों का पीछा किया जो इधर-उधर भाग गए।
खर्चे के कारण बढ़ गए हैं बालू व मिट्टी के रेट
खर्चे के हिसाब से ही सरदार रेट तय करता है जो मिट्टी की ट्राली 800 रुपए में बिक्री होती थी आज वह 1000 रुपए में डाली जा रही है जो अभी तक 2000 रुपए में बालू की ट्राली डाली जाती थी वह 3000 में हो गई है वही जब ठेका के तौर पर कार्य किया जाता है तब उनके रेट अन्य होते हैं। इस समय बेला खेड़ा कुडरी मंझा अल्हागंज में बारह खनन माफियाओ का गढ है।
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