ललितपुर। नेहरू महाविद्यालय में एक दिवसीय बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय तीरंदाजी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। शुभारम्भ मुख्य अतिथि अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार, विशिष्ट अतिथि ने म वि प्रबंधक प्रदीप चौबे, प्राचार्य प्रो.ओमप्रकाश शास्त्री ने संयुक्त रूप से श्रीहनुमानजी के चित्र पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्ज्वलन करके किया। खिलाडिय़ों को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार ने कहा कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए खेल आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अकादमी में सिविल सेवा के अधिकारियों के लिए पहली बार तीरंदाजी का प्रशिक्षण शुरू हुआ है। तीरंदाजी प्रशिक्षार्णियों को एकाग्रता बनाने और भविष्य की जिम्मेवारियों के बारे में तैयार होने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि तीरंदाजी से धैर्य, लक्ष्य व चुनौतीपूर्ण स्थितियों में कैसे शांत रहा जा सकता है, यह तीरंदाजी के प्रशिक्षण से मिलता है। नेतृत्व और अनुशासन जैसे राष्ट्रीय गुणों के निर्माण में तीरंदाजी का महत्वपूर्ण योगदान है। विशिष्ट अतिथि नेमवि प्रबंधक प्रदीप चौबे ने कहा कि बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय तीरंदाजी प्रतियोगिता को शामिल कर युद्ध कौशल की इस प्राचीन परम्परा को बुंदेलखण्ड की इस माटी जो वीरों की भूमि रही है, जीवन्त करने का प्रयास किया है। धनुष विद्या केवल शक्ति का प्रयोग नहीं है बल्कि भौतिकवादी दौड़ में जहाँ व्यक्ति मानसिक रूप से अवसाद हो रहा है, निश्चित ही धनुष विद्या एक प्राचीन संजीवनी है। इसको सीखने व कला को जानने से व्यक्ति एकाग्रचित्त रहकर जीवन की चुनौतियों से लड़ सकता हैं। नेमवि प्राचार्य प्रो.ओमप्रकाश शास्त्री ने कहा कि भारतीय विद्वान चिरकाल से धनुषविद्या को सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान देते आये हैं। ओलम्पिक के खेलों में भारतीय खिलाडिय़ों ने पारम्परिक खेलों धनुर्विधा में पदक जीतकर सभी भारतीयों का मान बढ़ाया है। हमें तीरंदाजी के प्रति अपना रूझान विकसित करना चाहिए। कार्यक्रम संयोजक प्रो.अनिल सूर्यवंशी ने बताया कि तीरंदाजी प्रतियोगिता में नेहरू महाविद्यालय, भगवान आदिनाथ महर्रा, महिला महाविद्यालय, प्रशिक्षण महाविद्यालय, के.पी.एस. महाविद्यालय ककरूवा, केशवदेव महाविद्यालय उरई आदि ने प्रतिभाग किया। तीरदांजी प्रतियोगिता में छात्रा वर्ग में बबीता प्रथम, नेमवि, द्वितीय स्थान सपना नेमवि एवं तृतीय स्थान खुश्बू नेहरू महाविद्यालय ने प्राप्त किया। इसी प्रकार छात्र वर्ग में अंशुल कुशवाहा, केशव देव कालेज जालौन, युवराज शर्मा, नेमवि द्वितीय, तृतीय स्थान सचिन पटेल एवं चतुर्थ स्थान सौरभ नेहरू महाविद्यालय ललितपुर ने प्राप्त किया। कम्पाउड ट्राल में सृष्टि राजा महिला महाविद्यालय का ट्रायल लिया गया। चयनित छात्र-छात्राओं को किट विश्वविद्यालय भुवनेश्वर में प्रतिभाग करने के लिए भेजा जायेगा। प्रतियोगिता के अंत में प्राचार्य प्रो. ओमप्रकाश शास्त्री ने सभी विजयी प्रतिभागियों को शील्ड प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रो. आशा साहू, डा.मनोज कुमार, हिमांशधर द्विवेदी, जितेन्द्र कुमार, अनीता, डा.रौशन कुमार सिंह, राजेन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव, खेलो इण्डिया कोच अंकुर सहरावत, डा.सुभाष जैन, डा. शैलेन्द्र सिंह चौहान, डा.लक्ष्मीकांत मिश्रा, डा.विनोद वर्मा, डा.पराग कुमार, संदीप श्रीवास्तव, डा.विनीत अग्निहोत्री, मनीष वर्मा, डा.ओ.पी.चौधरी, डा.राजेश तिवारी, डा.अनूप दीक्षित, डा.वर्षा साहू, विवेक पाराशर, धु्रव किलेदार, फहीम बख्श, हरीप्रसाद, जयंत चौबे, अंकित चौबे, दीपक रावत, रामसहाय सिरौठिया, कमलेश प्रजापति, राकेश प्रजापति, भरत सिंह, हरदयाल, श्रीपत सिंह, कामता प्रसाद शर्मा आदि उपस्थित रहे। प्रतियोगिता सम्पन्न कराने में ऋषभराज, अरविंद भार्गव, अभिषेक यादव, मंजीत आदि ने सहयोग किया। संचालन डा.सुधाकर उपाध्याय ने किया एवं अंत में प्रो. अनिल सूर्यवंशी ने सभी का आभार जताया।
नेतृत्व और अनुशासन जैसे राष्ट्रीय गुणों के निर्माण में तीरंदाजी का महत्वपूर्ण योगदान
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