दुनिया उसी का अनुसरण करती जो खुद को उसके अनुरूप तैयार करने का रखता है जज्बा : सीएम योगी
मानवता के सामने खड़ी चुनौतियों से निपटने के विश्वास का प्रतीक बना है भारत : सीएम योगी
गोरखपुर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नए भारत के प्रति पूरी दुनिया का विश्वास तेजी से बढ़ा है। एक समय था जब भारत दुनिया के किसी भी गुट में नहीं था। देश के सामने असमंजस की स्थिति थी कि उसकी दिशा क्या होगी, उसे क्या करना है। पर, आज का नया भारत दुनिया के ध्रुवीकरण की दिशा तय करता है। दुनिया का ध्रुवीकरण उधर होता है, जिधर भारत होता है।
सीएम योगी बुधवार को महाराणा प्रताप (एम पी)शिक्षा परिषद के 92वें संस्थापक सप्ताह समारोह के शुभारंभ कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज परिसर में
समारोह के मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और विशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दुनिया उसी का अनुसरण करती है जो खुद को उसके अनुरूप तैयार करने का माद्दा रखता है। जो स्वयं खड़ा नहीं हो सकता, वह दूसरों को खड़ा होने की प्रेरणा कैसे दे सकता है। पीएम मोदी के नेतृत्व में नए भारत को खुद को उसी अनुरूप तैयार किया और परिणाम है कि आज भारत की दिशा के बिना दुनिया की दिशा की कल्पना नहीं की जा सकती है। दुनिया में मानवता के सामने जो चुनौती है, भारत उससे निपटने के विश्वास का प्रतीक बना है। जी-20 का समिट उसका प्रमाण है। आज दुनिया का कोई भी बड़ा आयोजन भारत के बिना नहीं होता है। आज देश विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है।
देश को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की ही नहीं
सीएम योगी ने देश को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की ही नहीं होती है। संस्थाओं और व्यक्तियों को भी इसकी जिम्मेदारी उठानी होती है। अब जिम्मेदारी से बचने का नहीं बल्कि जिम्मेदारी समझने और खुद को उसके अनुरूप तैयार करने का समय है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लिए अगले 25 वर्ष का रोडमैप तय किया है, देश जब आजादी का शताब्दी महोत्सव मन रहा होगा तब तक देश को विकसित भारत बनाने का। इसमें हर नागरिक, हर संस्था की भूमिका होनी चाहिए कि हमारा देश आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बने और स्वाभिमान के साथ इस विकास यात्रा में हमारा भी योगदान हो। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के दोनों प्रणेताओं ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी का भी पूरे जीवन यही भाव रहा।
तकनीकी हमसे संचालित हो, हम तकनीकी से नहीं
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को वर्तमान दौर में तकनीकी के प्रयोग की अपरिहार्यता से भी अवगत कराया। साथ ही नसीहत दी कि तकनीकी का इस्तेमाल जीवन को सरल और सहज बनाने के लिए जरूरी है लेकिन यह ध्यान भी रखना होगा कि तकनीकी हमसे संचालित हो, हम तकनीकी से नहीं। हम खुद को तकनीकी के अनुरूप और तकनीकी को अपने अनुरूप तैयार करें।
पूरी दुनिया मानती है भारतीय प्रतिभा का लोहा
सीएम योगी ने कहा कि हर कालखंड में भारत ने पूरी दुनिया में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। विश्व के सौ प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रमुख एक्जीक्यूटिव की बात करें तो इसमें सबसे बड़ी संख्या भारतीय नौजवानों की है। सीएम ने कहा कि ये नौजवान पूरी दुनिया में अपनी तकनीकी ज्ञान का लोहा मनवा रहे हैं।
शिक्षा परिषद की 92 वर्ष की यात्रा समग्र मूल्यांकन का अवसर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना के परिस्थितियों और इसकी अबतक की यात्रा को याद करते हुए कहा कि परिषद की 92 वर्ष की यात्रा इस बात के समग्र मूल्यांकन का अवसर है कि नए भारत के लिए संस्था किस दृष्टि से तैयार हो। उन्होंने कहा कि 1932 में जब ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज ने जब इस परिषद रूपी छोटे बीज को रोपित किया था तब साधन और संसाधन नहीं थे। देश तब गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था। एक ओर आजादी की लड़ाई हिलोरें ले रही थी तो दूसरी ओर आजादी हासिल करने के विश्वास भाव के साथ आजाद भारत के नेतृत्व के लिए योग्य नागरिक तैयार करने की चुनौती थी। इसी को ध्यान में रखकर ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की और उसी के अनुरूप उनके बाद ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी ने आगे बढ़ाया।
आज का दिन अनुशासन पर्व, सफलता के लिए एकाग्रता, कठिन परिश्रम और टीम भावना जरूरी
महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह के उद्घाटन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का दिन अनुशासन पर्व है। जीवन मे सर्वांगीण विकास के लिए अनुशासन अपरिहार्य है। उन्होंने विद्यार्थियों को सफलता हासिल करने का मंत्र देते हुए कहा कि प्रतिस्पर्धा के एकल क्षेत्र में एकाग्रता और कठिन परिश्रम जरूरी है तो समूह में व्यक्तिगत एकाग्रता व कठिन परिश्रम के साथ टीम भावना का होना अहम है। एकाग्र भाव, कठिन परिश्रम और टीम भावना ही सफलता का मूलमंत्र है। यदि यह तीनों एकसाथ हों तो कुछ भी असंभव नहीं रह जाता।
संस्थापक समारोह के शुभारंभ कार्यक्रम में सबसे पहले समारोह अध्यक्ष, मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि व अन्य गणमान्यजन ने मां सरस्वती, गुरु गोरखनाथ, महाराणा प्रताप, ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ की प्रतिमाओं पर पुष्पार्चन किया। इसके बाद स्वागत संबोधन में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो यूपी सिंह ने परिषद की प्रगति यात्रा पर प्रकाश डाला। शुभारंभ अवसर पर निकाली गई भव्य शोभायात्रा की सलामी मुख्य अतिथि, मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने ली। कार्यक्रम के शुरुआत में मुख्य अतिथि ने महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज के बलरामपुर हाल में लगी प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इसके बाद उन्हें एनसीसी कैडेट्स की तरफ से गार्ड ऑफ ऑनर पेश किया गया। समारोह में महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरिंदर सिंह, मां विंध्यवासिनी विश्वविद्यालय मीरजापुर की कुलपति प्रो. शोभा गौड़, मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय बलरामपुर के कुलपति प्रो. रवि शंकर सिंह, गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, एमएलसी डॉ. धर्मेंद्र सिंह, विधायक फतेह बहादुर सिंह, विपिन सिंह, महेंद्रपाल सिंह, प्रदीप शुक्ल, सरवन निषाद, राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारू चौधरी, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास,महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के सभी पदाधिकारी व सदस्य, परिषद से जुड़ी शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों, शिक्षकों व विद्यार्थियों की सहभागिता रही। संचालन डॉ. श्रीभगवान सिंह व आभार ज्ञापन एमपी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. अरुण सिंह ने किया।
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