कलेक्ट्रेट सभागार में सीडीओ के.के.पाण्डेय की अध्यक्षता में जिला गंगा समिति की मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। डीएफओ ने बैठक को शुरू किया। बैठक में सीडीओ ने बताया की भारत सरकार के राजपत्र के अंतर्गत जिला गंगा समिति को सीवेज अवसंरचना के संवर्धन, आवाह क्षेत्र में सुधार, जन जागरूकता का प्रसार तथा गंगा एवं उसकी सहायक नदियों में जल की गुणवत्ता बरकरार रखने का दायित्व सौपा गया है। जिला गंगा समिति वनीकरण, प्राकृतिक/जैविक कृषि प्रसार, घाट निर्माण, पर्यटन, मत्स्य पालन, वेटलैंड के विकास व अर्थ गंगा के अन्य क्षेत्रों में समन्वय का कार्य भी करेंगी। एडीएम अंकुर श्रीवास्तव ने दैलवारा में स्थापित फेकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (एफ.एस.टी.पी.) के बारे में जानकारी ली। उन्होंने सभी गतिरोधों को खत्म कर तय समयावधि में प्लांट को जल्द से जल्द क्रियान्वयन में लाने के निर्देश दिए। नगर क्षेत्र में प्रवाहित सभी 42 नालों की टैपिंग और स्क्रीन इंस्टालेशन की समीक्षा की गई। जिन नालों की टैपिंग नहीं हुई है, वहां बायो फायटोरेमेडीएशन का प्रयोग करने के निर्देश दिए गए। बायो रेमेडीएशन पद्धति में सूक्ष्म जीवों का उपयोग कर कार्बनिक प्रदूषकों को नष्ट किया जाता है। डीपीआरओ को नदियों में धार्मिक पेशकश की रोकथाम हेतु जागरूकता के लिए डिस्प्ले बोर्ड लगाने के साथ जागरूकता शिविर आयोजित कर ऐसी सामग्री को नदी में फेंकने से होने वाले प्रदुषण के संबंध में आम लोगों को जागरूक करने के लिए हर संभव कदम उठाने पर महत्व दिया गया। गंगा ग्रामों में नियमित रूप से गंगा आरती कराये जाने के साथ घाटों की साफ सफाई एवं हर 50 मीटर की दुरी पर कूड़ेदान स्थापित करने के निर्देश दिए गए। अंत में डीएफओ ने आगामी जिला गंगा समिति की बैठकों को अधिक प्रभावशाली बनाने पर जोर दिया। बैठक में परियोजना अधिकारी जिला गंगा समिति केतन दुबे, सिंचाई विभाग भूपेश सुहेरा, अवर अभियंता लघु सिंचाई गौरव सिंह, स्वास्थ विभाग से डा.राजेश भारती, सहायक अभियंता अजय कुमार सचान, कृषि विभाग से रिशु उपाध्याय, नगर पालिका से राजेश जैन एवं दीपक कुमार, पंचायती राज विभाग से लक्ष्मण चौरसिया आदि उपस्थित रहे।
सहायक नदियों में जल की गुणवत्ता बरकरार रखना महत्वपूर्ण दायित्व जिला गंगा समिति की मासिक समीक्षा बैठक में बोले अधिकारी
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