झारखण्ड लोगों मे निवेष के द्वारा विकास के पथ पर अग्रसर-रघुवर दास

0
224
झारखण्ड विकास के ऐसे न्यायसंगत माॅडल का निर्माण करेगा जो समाज के विभिन्न वर्गों की सभी ज़रूरतों को पूरा कर सके
मैं झारखण्ड जैसे जीवंत राज्य से हूँ और लोगों के जीवन की गुणवत्ता में बदलाव लाने के राज्य के मिषन के साथ हूँ। मैं यह नहीं कहूंगा कि हमारे पास जादू की छड़ी है। हमारे सामने बहुत सी चुनौतियां हैं लेकिन अगर आपने अपने लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से निर्धारित कर लिया है और आप इसे पाने के लिए दृढ़ निष्चय के साथ लगातार आगे बढ़ रहें हैं, तो आपके छोटे-छोटे कदम भी आपको विषाल प्रगति की ओर ले सकते हैं और एक प्रभावी बदलाव लाने में मददगार हो सकते हैं। राज्य स्तर पर नेतृत्व के मुद्दे, जिनका समाधान बढ़ती अषांति या लोगों की महत्वाकांक्षाओं के साथ नहीं किया जा सकता, पूरी तरह से स्पष्ट हो जाते हैं जब लोग बदलाव के लिए अपना मतदान करते हैं।
वे लोग जो मेरे राज्य के बारे में ज़्यादा नहीं जानते हैं, उन्हें मैं बताना चाहूंगा कि झारखण्ड के पास भारत की 40 फीसदी खनिज सम्पदा है। कोयले की बात करें तो भारत के एक तिहाई भण्डार के साथ इसे देष की कोयला राजधानी कहा जा सकता है। यह कोयले की दृष्टि से पहले, लौह अयस्क की दृष्टि से दूसरे, काॅपर यानि तांबे के अयस्क की दृष्टि से तीसरे, फायर क्ले और बेंटोनाईट की दृष्टि से चैथे, क्रोमाईट और वर्मीकुलाईट की दृष्टि से पांचवें स्थान पर है…….. इसके अलावा बाॅक्साईट, डोलोमाईट और फेल्स्पार की अपार मात्रा यहां मौजूद है। और इन सब के बावजूद हम पर्याप्तता के विरोधाभास से पीड़ित हैं, जिसे ‘संसाधनों का अभिशाप’ कहा जा सकता है।
लम्बे समय से हमारी छवि बीमारू राज्यों जैसी बनी हुई है, इससे खुद-बखुद लोगों का आत्मविश्वास कम हो जाता है, वे अपने हाथों से अपना भाग्य बनाने में भरोसा नहीं कर पाते। इसी संदर्भ में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी लोगों को अपने भाग्य पर भरोसा रखने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, उन्हें बता रहे हैं कि उनके भविष्य को एक बेहतर मार्ग की ओर ले जाना अनिवार्य है।
इस अपूर्व विरासत के बावजूद, यह काम आसान नहीं दिखाई देता, लेकिन साथ ही लोगों ने हममें जो अपार भरोसा जताया है, वह हमें आगे बढ़ने और विकास की योजनाएं बनाने के लिए प्रेरित करता है।
झारखण्ड इस साल न केवल बजट में पहले स्थान पर रहा है, बल्कि इसे सही मायनों में लोगों द्वारा, लोगों के लिए और लोगों का प्रदेश बनाने हेतू हर सम्भव प्रयास किया गया है। पहली बार राज्य में पंचायतों और ज़िला प्रशासनों से सुझाव लिए गए। वास्तव में हमें 1,005 से ज़्यादा सुझाव मिले और हमने इस साल राज्य के वित्तीय वक्तव्य में इन सुझावों को शामिल करने का प्रयास किया है।
हमारे पाठकों को यह जानकर हैरानी होगी कि हाल ही में लाॅन्च की गई हमारी एक परियोजना के तहत आंगनवाड़ी के बच्चों को अण्डे वितरित करने से उनके स्वास्थ्य में कितना बदलाव आया है। वास्तव में हमारे बच्चे हमारे प्रदेश का भविष्य हैं और उनका स्वास्थ्य हमारे लिए बहुत अधिक मायने रखता है। हम 1 अप्रैल 2017 तक 24 जिलों के 38400 आंगनवाड़ी केन्द्रों को कवर करेंगे। हमारे समाज में महिलाओं को पारम्परिक भूमिकाओं के लिए ही जाना जाता है। शहरी स्तर पर इस सोच में बदलाव आया है, किंतु इस दिशा में हमें अभी बहुत काम करना है। हम हमारी महिलाओं को आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर, सशक्त बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं और साथ ही उनकी स्वास्थ्य सम्बन्धी ज़रूरतों को भी पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं। कई महिला उन्मुख योजनाएं जैसे गायों का वितरण, राज्य के पुलिस बलों में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण तथा प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत निःशुल्क एलपीजी और स्टोव कनेक्शन उपलब्ध कराना इसी दिशा में हमारे कुछ प्रयास हैं।
साथ ही हम झारखण्ड की विकास यात्रा में उद्योग और कारोबार का महत्व समझते हैं। राज्य को ऐसे कारोबारों को बढ़ावा देना होगा जो इसके विकास की गति को त्वरित कर सकें। राज्य का विकास कृषि और उद्योग के विकास से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा है। हम हमारे लोगों के उज्जवल भविष्य के लिए कारोबार और उद्योग के विकास पर काम करना चाहते हैं।
झारखण्ड में निवेश बढ़ाने के संदर्भ में हमारा नारा है श्प्दअमेज पद श्रींताींदकरू प्द ल्वनत ैनबबमेेए ॅम ैींसस डमंेनतम व्नतेण्श्
पहले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की योजना इसी दृष्टिकोण पर आधारित थी, जिसका आयेाजन रांची में 16-17 फरवरी को किया गया। झारखण्ड विभिन्न उद्योगों और क्षेत्रों को विकास के अपार अवसर उपलब्ध कराता है और हमने सम्मेलन के दौरान इन्हीं मुद्दों पर चर्चा की जिससे न केवल हमारे प्रवक्ताओं को नए विचार मिले बल्कि राज्य के विकास में आनी वाली चुनौतियों और इनके समाधानों के बारे में जानने का अवसर भी मिला। इनमें से कुछ क्षेत्र हैं- खान एवं खनन, शहरी विकास, बुनियादी संरचना, मेक इन झारखण्ड, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, टेक्सटाईल, आईटी और आईटीईएस आदि। यह परम्परा और आधुनिकता का संतुलित संयोजन है। हमारे राज्य की प्रसिद्ध टसर सिल्क, झारक्राफ्ट, ब्राण्ड स्टोर, शोकेस आर्ट झारखण्ड की कला और परम्परा है। हमारे लिए टेक्सटाईल सेक्टर का विकास हमारे लोगों की आजीविका से जुड़ा है और हम इस क्षेत्र में नए कौशल और बदलती तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहते हैं। हमें तेज़ी से बदलती तकनीक-उन्मुख दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना होगा।
राज्य के युवाओं को नए कौशल में सक्षम बनाना होगा। इसके लिए आईटी/ आईटीईएस एवं कौशल विकास को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। मैं हमारे युवाओं के उत्साह और योगदान से बेहद प्रभावित हूँ। हम एक नए मार्ग पर बढ़ रहे हैं। मेरी सरकार झारखण्ड को प्रगति के इस पथ पर आगे बढ़ने के लिए हर सम्भव सहयोग प्रदान करेगी। हम एक ऐसे गतिशील झारखण्ड का निर्माण करेंगे जहां स्टार्ट-अप्स फल-फूल सकें।
शायद मुझे यह दोहराने की ज़रूरत नहीं कि हमारे पास ऐसे कितने प्रख्यात शैक्षणिक संस्थान हैं जो न केवल हमारे देश के भविष्य में बदलाव ला रहे हैं बल्कि विदेशों की अर्थव्यवस्थाओं में भी अपना भरपूर योगदान दे रहे हैं।  ग्स्त्प्, ज़ेवियर इन्सटीट्यूट आॅफ सोशल सर्विस, इण्डियन स्कूल आॅफ माइन्स, आईआईएम, बीआईटीएस (मेसरा) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से पढ़ने वाले स्नातक अपने आप में प्रतिभा का पूल हैं। हालांकि किसी स्तर तक हम इन स्नातकों को अपने साथ रखने में सक्षम नहीं हो पाए हैं।
नए अवसरों के सृजन द्वारा हम हमारे युवाओं में छिपी क्षमताओं का इस्तेमाल कर सकते हैं। हमें विकास के ऐसे संतुलित एवं न्यायसंगत माॅडल का निर्माण करना होगा जो समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों की ज़रूरतों को पूरा कर सकें, लेकिन इन्हंे अवसर उपलब्ध कराना और समावेशी विकास की मुख्यधारा मंे शामिल करना सबसे महत्वपूर्ण है।
इनके भविष्य में ही हमारा भविष्य निहित है।
लेखक झारखण्ड के मुख्यमंत्री हैं।
Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here