पीजीआई चक्रपानपुर में डॉक्टरों की लापरवाही के चलते आए दिन हो रही मौतों के संबंध में आज जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। अभी जल्द ही 13 नवंबर को स्थानीय निवासी आनंद विश्वकर्मा जी ने अपनी मां शारदा देवी की तबीयत खराब होने पर पीजीआई चक्रपानपुर की इमरजेंसी वार्ड में भरती कराया, सुबह 7:00 से लेकर शाम 5:00 बजे तक कोई डॉक्टर, इमरजेंसी वार्ड में मां की शुधि लेने नहीं आया ना तो कोई चेकअप किया ना जांच हुई, अंतत शाम 5:00 बजे मां की हालत गंभीर देख वहां से रेफर करा करके ग्लोबल हॉस्पिटल के लिए रवाना हुए लेकिन रास्ते में ही मां ने दम तोड़ दिया। – इससे आक्रोशित जनमानस आज पीजीआई प्राचार्य को घटना से अवगत कराया प्राचार्य द्वारा कोई आश्वासन न देकर उल्टे मृतका के बेटे को ही दोषी बताया कहा कि आप यहां से लेकर चले गए हमारे यहां कोई मौत नहीं हुई।
अध्यक्ष रणजीत सिंह ने बताया कि पीजीआई चक्रपानपुर समाज के गरीब दुखियों के इलाज के लिए एक मात्र अच्छा संस्थान है, सरकार की पहल है की अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मिल सके, लेकिन इसके अधिकतर डॉक्टरों का नैतिक पतन हो चुका है, बाहर प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं, अपना अस्पताल बनवा लिए हैं, दवाएं बाहर से अधिकतर लिखी जाती है अनावश्यक जांच करा करके मरीजों का शोषण किया जाता है, 13 तारीख को आनंद विश्वकर्मा की डॉक्टरों की लापरवाही के चलते माँ की मौत बहुत ही दुखित करने वाली घटना है, आगे इस तरीके की घटना ना हो और लोग बेमौत ना मारे जायं इसी संबंध में प्रयास सामाजिक संगठन समाज के और भी जागरूक संगठनों नौजवानों के साथ मिलकर जिलाधिकारी को अवगत कराया। -अगर व्यवस्था नहीं सुधरी तो इसे दुरुस्त करने के लिए अब नौजवान अपने स्तर से कमर कसेंगे। – मृतका के बेटे आनंद विश्वकर्मा ने बताया कि अगर डॉक्टर मौजूद रहे होते तो हो सकता हमारी मां की मौत नहीं हुई होती, इन संवेदनहीन डॉक्टरों को भगवान सद्बुद्धि प्रदान करें। -इस अवसर पर, कमलेश यादव, ज्ञानदीप वर्मा, आशीष सिंह, आनंद विश्वकर्मा, रितेश पांडेय, मनदीप विश्वकर्मा, सत्यानंद यादव, भगत सिंह सेवा संस्थान से नीरज यादव, एडवोकेट विमला यादव सहित तमाम नौजवान प्रयास के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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