भागलपुर के पीरपैंती में प्रस्तावित थर्मल पावर प्लांट के लिए अधिग्रहित जमीन के मुआवजे को लेकर किसानों ने बड़ी समस्या खड़ी कर दी है। किसानों ने मुआवजे के साथ कई अन्य मांग भी रख दी है। भू-अर्जन पदाधिकारी राकेश कुमार ने किसानों की समस्या सुनी और समाधान का आश्वासन दिया। हालांकि किसानों ने जो मांग रखी है उसने अधिकारियों के लिए मुश्किल जरूर खड़ी कर दी है। ।
भू अर्जन विभाग के साथ विद्युत विभाग की अभियंताओं की टीम भी शिविर में पहुंची थी। इस दौरान किसान चेतना एवं उत्थान समिति के अध्यक्ष श्रवण सिंह के नेतृत्व में किसानों ने भूअर्जन पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।तथा अपनी विभिन्न मांगो को रखा।
किसानों ने रखी कई मांग
किसानों ने कहा कि मुआवजा भुगतान के लिए बचे हुए किसानों को 2013 एक्ट के तहत ही मुआवजा दिया जाए। पावर प्लांट में भूमि देने वाले किसानों के एक व्यक्ति की नौकरी सुनिश्चित हो। जमीन का मूल्यांकन मापदंड को सार्वजनिक किया जाए, वैसे भू स्वामी जिसकी मौत हो गई है का भुगतान उसके वारिस को दे दिया जाए, रैयती जमीन जिसे भूल से बिहार सरकार दर्ज कर दिया गया है जांच कर रैयत का मुआवजा भुगतान करने सहित 10 सूत्री मांगो को ज्ञापन देते हुए कहा कि हम सभी किसानों ने अपनी जमीन थर्मल पावर परियोजना के कार्यसिद्धि हेतु दी है। इस आवाज में सरकार द्वारा घोषित उचित मुआवजा प्राप्ति के लिए हम किसान आशान्वित है।
अधिकारियों ने क्या कहा?
जिला भूअर्जन पदाधिकारी ने बताया कि 75 किसानों का मुआवजा लंबित रह गया है। जिसका आवेदन लिया जा रहा है। 25 किसानों का 80 प्रतिशत और 50 किसानों का 20 प्रतिशत लंबित है। 38 मामले कोर्ट में लंबित है। ज्यादातर हरिनकोल 2 और टुंडवा उर्फ मुंडवा मौजा के किसान हैं। 2011 में जमीन अधिग्रहण किया गया था।
उसी दर से मुआवजा दिया जाएगा। कुछ किसानों का पेड़ का मुआवजा नहीं मिलने का मामला आया है। जिसे वनविभाग से मूल्यांकन करवा कर दिया जाएगा।पीरपैंती पावर प्लांट के लिए वर्ष 2011 में 919 पंचाटधारी किसानों का 988.335 एकड़ जमीन अधिग्रहण किया गया है।
112 एकड़ बिहार सरकार की और 57.56 भारत सरकार के रेलवे की जमीन पावर प्लांट में अधिग्रहण किया गया है। टुंडवा उर्फ मुंडवा, रायपुरा, सुंदरपुर, श्रीमतपुर,हरिणकोल भाग 1 और भाग 2 मौजा की जमीन को अधिग्रहण किया गया है। पावर प्लांट का घेराबंदी 14 किलोमीटर के वृताकार क्षेत्र में किया जाना है। जिसमें अब तक 5 किलोमीटर कार्य हुआ है। वह भी कई जगहों पर अधूरा है। विद्युत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नए साल से घेराबंदी का कार्य शुरू हो जाएगा। ड्रोन कैमरा से जमीन का फोटोग्राफी की जा रही है।
बिजली विभाग की टीम ड्रोन से पूरे पावर प्लांट की फोटाग्राफी करवा रही
समतल और गड्ढा जमीन की फोटोग्राफी की जा रही है। विद्युत विभाग के अधिकारियों की टीम ने ड्रोन से पूरे पावर प्लांट की जमीन का फोटोग्राफी करवा रही हैं।
जिसमे कितना जमीन गड्ढा हैं, कितना पहाड़ नुमा ऊंचा हैं। कितने पर पेड़ हैं। जल्द ही घेराबंदी का कार्य प्रारंभ होना है।घेराबंदी के बाद जमीन को समतल करने का कार्य किया जाएगा। जिला भूअर्जन पदाधिकारी राकेश कुमार ने अभियंताओं की टीम के साथ ताप बिजली घर की जमीन का निरीक्षण भी किया। 500 एकड़ जमीन और पावर प्लांट के लिए अधिकरण की बात सामने आ रही हैं। जो जमीन पश्चिम दिशा की ओर अधिग्रहण होना हैं। हालांकि, इस संबंध में अधिकारियों ने अभी कुछ भी बताने से परहेज किया हैं।
जानकारों के अनुसार जमीन अधिग्रहण के लिए केंद्र सरकार ने बिहार सरकार को राशि भी आवंटित कर दी है। जिला भू अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि प्रस्तावित ताप बिजली घर को लेकर मुख्य मुद्दा अधिग्रहित जमीन के किसानों के द्वारा 80 प्रतिशत मुआवजा और 20 प्रतिशत मुआवजा भुगतान नहीं लिया गया है।
कितने किसानों ने लिया मुआवजा
वह विधिवत्त कागजात के साथ डीएलओ कार्यालय में आवेदन जमा करेंगे। भुगतान प्राप्त नहीं करने वालों की संख्या 80 प्रतिशत मुआवजा वालों में 25 किसान एवं 20 प्रतिशत मुआवजा वालों में 50 किसान नहीं लिया है। टोटल पंचाटी 919 हैं। जिसमें 80 प्रतिशत मुआवजा भुगतान 856 किसान ले चुके हैं। जबकि 20 प्रतिशत मुआवजा भुगतान 809 किसान ले चुके हैं। टोटल 38 मामला 80 प्रतिशत मुआवजा की लारा कोर्ट में शिफ्ट कर दिया गया है। 20 प्रतिशत में 60 मामला लारा कोर्ट भेज दिया गया है।