श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के पंचम दिवस पर बाल व्यास मधुर जी महाराज ने पूतना उद्धार, माखन चोरी और गोवर्धन लीला के बारे में विस्तृत वर्णन किया। पूतना उद्धार के अंतर्गत भगवान की उदारता बड़ी अद्भुत है।जिस पूतना ने भगवान को जान से मारना चाहा ऐसी पूतना के लिए भी भगवान ने स्थान दिया क्योंकि दूध पिलाने का कार्य सिर्फ माता का ही होता है। पूतना भले ही दूध में जहर मिलाकर मारने का भाव था। इसलिए भगवान ने उसे माता का स्थान दिया। महाराज ने बताया कि भगवान ने गोपियों का वस्त्र हरण वसनात्मक दृष्टि से न करके अपितु भगवान ने संसार को शिक्षा दिया जो माया का आवरण है जब तक व्यक्ति के जीवन में है तब हमारी प्राप्ति संभव नहीं है, क्योंकि भगवान माया से परे हैं। माया जब निकल जाती है, माया का पर्दा हटाने के बाद ही परमात्मा का दर्शन संभव हो पता है और प्रभु की कृपा प्राप्त होती है। बाल व्यास मधुर जी महराज ने आगे बताया कि भगवान तो भक्त के बस में होते हैं बस आस्था हृदय से होनी चाहिए।
भगवान तो हर कण का में व्याप्त है बस उन्हें पहचानने की आवश्यकता है।प्रभु की भक्ति में ही शक्ति है, प्रभु की निगाह से कुछ छिपा नहीं है। कलयुग में मानव कल्याण प्रभु की भक्ति में ही है। वही सर्व शक्तिमान है जिस पर प्रभु की कृपा है।प्रभु को दीनदयाल ऐसे ही नहीं कहा जाता, ओ हमेशा अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। पत्रकार संतोष पाण्डेय के ग्रामीण आवास पूरे पंडित आचार्य में श्रवण की जा रही श्री मद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह में पंचम दिवस पर बाल व्यास मधुर जी महराज ने प्रभु की लीला का बहुत ही हृदयस्पर्शी वर्णन किया। इस पावन अवसर पर लखनऊ से पधारे पूर्व सूचना निदेशक डॉ एस पी तिवारी, सत्यदेव तिवारी संपादक,सचिवालय से राजेश तिवारी, नरेंद्र द्विवेदी वरिष्ठ पत्रकार हिंदुस्तान, सूर्य प्रकाश तिवारी,प्रमोद पाण्डेय पत्रकार, विशाल शुक्ल, राजदेव शुक्ल वरिष्ठ पत्रकार, विजय पाण्डेय बब्बू फाइटर, उमेश तिवारी ,पंकज तिवारी, चंद्र प्रकाश वर्मा, रमा कांत मिश्रा, सहित हजारों कथा भक्तों ने पाण्डेय परिवार के साथ कथा श्रवण किया।