महज़ 22 वर्ष उम्र, परिश्रम और हुनर देख अच्छे अच्छे नतमस्तक हो जाए। हम बात कर रहे हैं सिद्धार्थनगर जिले के छोटे से गांव बांसी के आंख का तारा बना माया नगरी का सितारा बांसी से निकलकर माया नगरी मुंबई में अपने अभिनय का लोहा मनवा रहे श्री राम जी मिश्रा के सुपुत्र एवं उमापति मिश्र के छोटे भाई उत्कर्ष मिश्रा की। उत्कर्ष को बचपन से ही कुछ हट के कुछ अलग करने की इच्छा थी। अपनी प्राथमिक शिक्षा के दौरान विद्यालय के वार्षिक उत्सव में नाटकों तथा मॉडलिंग गतिविधियों में भाग लेने में गहरी दिलचस्पी रहती थी।अपनी शिक्षा पूरी करने के पश्चात उत्कर्ष अभिनय प्रशिक्षण के लिए दिल्ली पहुंचे और लगभग 3 वर्ष तक बड़े बड़े रंग गुरुओं के सानिध्य में प्रशिक्षण लिया और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के पूर्व धुरंधर शिक्षकों जैसे श्री राजेश तिवारी जी, भारती शर्मा जी के सानिध्य में नाटक किया।कुछ प्रसिद्ध नाटकों के नाम है:टैक्स फ़्री, काल कोठरी, हमारी मातृभाषा हिंदी, महारथी,अभिनय प्रशिक्षण पूर्ण होने के पश्चात अपने गुरु और माता पिता, भैया भाभी का आशीर्वाद लेकर अभिनय का लोहा मनवाने 2022 में उत्कर्ष माया नगरी मुंबई की ओर रवाना हो गए। लगभग 2 वर्ष के संघर्ष और धक्के खाने के पश्चात उन्हें पहला ब्रेक टेलीविजन सीरियल “स्वराज” में मिला। फिर क्या था “जहां चाह है वहीं राह है”
इन्होंने कभी पूछे मुड़कर नहीं देखा। लगातार काम की झड़ियां लग गई। धारावाहिक” *ससुराल झुनकी का*”जो रोज़ शाम 8:30 बजे DD National में प्रसारित होगा।इस धारावाहिक में उत्कर्ष जी बहुत ही अहम व मुख्य भूमिका में दिखेंगे।इनकी कुछ फ़िल्में और वेबसरीज भी जल्द ही रिलीज़ होने वाली है।हाल ही में इन्होंने हरिॐ ओटीटी के साथ एक वेबसीरीज “शुक्राचार्य” में काम किया जिसमें इन्होंने वायु देव की भूमिका निभाई है और एक सीरीज अफरातफरी में अहम भूमिका में है।
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