भारत-नेपाल सीमा पर स्थित ककरहवा बॉर्डर घुसपैठ का नया अड्डा बनता जा रहा है। हाल ही में एसएसबी और पुलिस की संयुक्त टीम ने एक ईरानी नागरिक को गिरफ्तार किया है। उसके पास से कई सिम कार्ड और कूटरचित दस्तावेज बरामद हुए हैं। इससे पहले भी कई विदेशी नागरिकों को अवैध रूप से घुसपैठ करने की कोशिश में पकड़ा जा चुका है। सुरक्षा एजेंसियां लगातार सक्रिय हैं।
कुछ ने सीधे रास्ते से घुसपैठ करने की कोशिश की तो कुछ ने पगडंडी की राह थामी थी, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने इनकी कोशिश को नाकाम कर दिया। थानाध्यक्ष मोहाना अनुप कुमार मिश्र ने बताया कि ऐसा नहीं है। टीमें सक्रिय हैं, इसके चलते विदेशी पकड़े गये हैं। इसलिए इसे घुसपैठ का अड्डा नहीं कहा जा सकता है। पुलिस सक्रिय है। पिछली घटनाओं को देखते हुए सक्रियता और बढ़ाई जाएगी।
केस दो नौ मई 2024 को ककरहवा बार्डर के लीला डिहवा में पुलिस व एसएसबी की संयुक्त टीम ने चीन के एक नागरिक यूफेनाघो को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसकी गतिविधि संदिग्ध लगी थी। इस लिए खुफिया टीमों ने उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी।
केस तीन 15 मई 2022 को ककरहवा बार्डर के रास्ते नेपाल में प्रवेश करने की जुगत में एसएसबी व पुलिस की संयुक्त टीम ने चार बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। यह सभी नेपाल के लुंबिनी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन के एक दिन पूर्व गिरफ्तार हुए थे। यह सभी दिल्ली से बुटवल तक चलने वाली बस पर सवार हो नेपाल जाने के प्रयास में थे। चारों की पहचान सायम भुइयां, मोहम्मद नजमुल हुसैन, रसेल अहमद व शकीब अहमद हुसैन के रूप में हुई थी।
केस चार पांच जून 2017 को ककरहवा बार्डर के मुख्य रास्ते से भारत से नेपाल में प्रवेश करते एक विदेशी नागरिक को एसएसबी ने पकड़ा था। उसकी पहचान ओमान निवासी सुलेमान पुत्र सालेह के रूप में हुई थी। वह अवैध रूप से नेपाल में प्रवेश करने की जुगत में था। इसके दो माह पूर्व वह पाकिस्तान की भी यात्रा कर चुका था।पहले भी कई बार पकड़े जा चुके हैं अवैध रूप से बार्डर के रास्ते भारत में घुसते विदेशी नागरिकl नेपाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन से एक दिन पूर्व पकड़े गए थे चार बांग्लादेशी