प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत व्यावसायिक शिक्षकों ने दिवाली से पहले वेतन का एरियर नहीं मिलने पर कम्पनियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ये शिक्षक चार नवंबर को राजधानी शिमला में एकत्र होकर कम्पनियों के विरुद्ध प्रदर्शन करेंगे। दरअसल दो कंपनियों की ओर से भुगतान नहीं होने पर व्यावसायिक शिक्षकों की दिवाली फीकी रही और प्रदर्शन के जरिये वे अपना आक्रोश जाहिर करेंगे।
व्यावसायिक शिक्षक संघ के प्रमुख अश्वनी डटवालिया ने बताया कि कंपनियों के तुगलकी फरमानों से व्यावसायिक शिक्षक परेशान हैं। इन कंपनियों की हिम्मत इतनी बड़ चुकी है की अब ये कंपनियां सरकार के आदेशों को भी दरकिनार करती नजर आ रही हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इन कंपनियों को आदेश जारी किए थे कि 20 अक्टूबर तक व्यावसायिक शिक्षकों का एरियर जारी कर दिया जाना चाहिए उस के बावजूद भी अभी दो ऐसी कंपनियां हैं जिन्होंने एरियर जारी नहीं किया। ये कंपनियां मनमाने ढंग से वेतन प्रदान करती हैं जिसकी कोई समय अवधि नहीं है जबकि सरकार ने हर महीने की सात तारीख तक वेतन जारी करने के आदेश जारी किए हैं। फिर भी इन कंपनियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने पूरे हिमाचल के कर्मचारियों का वेतन 28 तारीख को जारी करने के आदेश जारी किए ताकि सरकारी और गैर सरकारी कर्मचारी अपनी दिवाली मना सके, लेकिन यहां भी ये कंपनियां अपनी मनमानी करती नजर आई और किसी भी व्यावसायिक शिक्षक को वेतन प्रदान नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि पहले तो ये कंपनियां सिर्फ व्यावसायिक शिक्षकों का शोषण करती थी परंतु अब तो सरकार के आदेशों की अवेहला करना इनका काम सा बन गया है। यही कारण है की अब व्यावसायिक शिक्षक 4 नवंबर को हजारों व्यावसायिक शिक्षक शिमला के चौड़ा मैदान पहुंच कर अपना प्रदर्शन करेंगे और सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रखेंगे। अगर सरकार इनकी मांगो को मानती है तो उसी दिन हजारों व्यावसायिक शिक्षक सरकार का धन्यवाद करेंगे।