केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज के 53वें स्थापना दिवस समारोह और दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 सालों में एमबीबीएस और एमडी की सीटों में 100 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इसके साथ आने वाले पांच सालों में सरकार एमबीबीएस की 75 हजार सीटें और बढ़ाएगी।
उन्होंने कहा कि बुनियादी शिक्षा हर किसी का जन्मसिद्ध अधिकार है लेकिन व्यावसायिक शिक्षा एक विशेषाधिकार है जो समाज केवल कुछ ही लोगों को प्रदान करता है। सरकार प्रत्येक एमबीबीएस छात्र के लिए 30-35 लाख रुपये खर्च करती है। उन्होंने नए डॉक्टरों से आग्रह किया कि वे अपने पेशेवर करियर को आगे बढ़ाते हुए समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियां निभाएं।
नड्डा ने स्वास्थ्य पेशेवरों को देश की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने और चिकित्सा सेवाएं सभी के लिए सुनिश्चित करने को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि आपके प्रयास ‘विकसित भारत’ के हमारे राष्ट्रीय दृष्टिकोण को आकार देने पर केंद्रित होने चाहिए। केंद्र सरकार ने 2017 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति में बदलाव किया, जिसने स्वास्थ्य देखभाल को केवल उपचारात्मक दृष्टिकोण से पहले एक समग्र दृष्टिकोण में बदल दिया, जो निवारक, एकीकृत और साथ ही उपचारात्मक स्वास्थ्य देखभाल को पूरा करता है।
नड्डा ने स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा समाज में किए गए महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला और स्नातकों से अपने काम को करुणा, अखंडता और समर्पण के साथ करने का आग्रह किया। उन्होंने देश की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने और यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई कि चिकित्सा सेवाएं सभी के लिए सुलभ हों। उन्होंने कहा कि पिछले दस सालों में 22 नए एम्स, नए मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना की गई। समारोह के दौरान 146 एमबीबीएस छात्रों, 145 एमडी एवं एमएस छात्रों, 17 बीएससी (एमटी) रेडियोलॉजी छात्रों और 4 एमएससी (आरएंडएमआईटी) छात्रों को डिग्री प्रदान की गईं और 62 पुरस्कार दिए गए। इसके अतिरिक्त चिकित्सा प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी में 4 प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।