महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले के आरोपित पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह की अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर और ट्रायल कोर्ट में चल रही सुनवाई पर रोक की याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को करने का आदेश दिया।
दिल्ली हाई कोर्ट ने 26 सितंबर को बृजभूषण सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने इस मामले पर अगली सुनवाई 13 जनवरी 2025 को करने का आदेश दिया था। बृजभूषण ने इसी मामले पर हाई कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की है।
29 अगस्त को हाई कोर्ट ने बृजभूषण को कोई राहत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि आप ट्रायल शुरू होने के बाद पूरा केस खत्म करना चाहते हैं। हाई कोर्ट ने कहा था कि जब ट्रायल शुरू हो चुका है तब आप आरोप तय करने के आदेश को चुनौती दे रहे हैं। आप परोक्ष रूप से पूरा केस खत्म करना चाहते हैं।
सुनवाई के दौरान बृजभूषण शरण सिंह की ओर से पेश वकील राजीव मोहन ने कहा था कि ये पूरा मामला छिपे एजेंडा का है। शिकायतकर्ता नहीं चाहते हैं कि याचिकाकर्ता भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष के पद पर रहें। उनकी दलील का दिल्ली पुलिस ने विरोध करते हुए कहा था कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।
इस मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट में 26 जुलाई से ट्रायल शुरू हो चुका है। 21 मई को बृजभूषण शरण सिंह और दूसरे सह आरोपित विनोद तोमर ने कोर्ट से कहा था कि वे ट्रायल का सामना करेंगे। दोनों ने मामले में कोर्ट द्वारा तय आरोपों को स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि कोई गलती नहीं किया है तो मानने का सवाल ही नहीं है।
राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 10 मई को बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने छह में से पांच महिला पहलवानों की ओर से लगाए गए आरोपों पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था जबकि एक महिला पहलवान के आरोपों के मामले में बृजभूषण शरण सिंह को बरी कर दिया था।
कोर्ट ने पांच महिला पहलवानों के यौन शोषण के मामले में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354ए और 506 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने इस मामले के सह आरोपी और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व सचिव विनोद तोमर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 506 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था।