पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत ने शुक्रवार देर रात को पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट को एक ईमेल भेज कर राज्य सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी है। ये कदम आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद उठाए गए हैं।
मुख्य सचिव ने ईमेल के जरिए डब्ल्यूबीजेडीएफ के छह जूनियर डॉक्टरों से भी अनुरोध किया कि वे अपने सातवें दिन में चल रहे अनशन को समाप्त करें। उन्होंने बताया कि चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा और संरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई अहम योजनाएं शुरू की गई हैं। इनके तहत राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 7,051 सीसीटीवी कैमरे, 893 नए ड्यूटी रूम और 778 वॉशरूम बनाए जा रहे हैं।
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113 करोड़ रुपये की परियोजनाएं
राज्य सरकार द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, इन सभी परियोजनाओं के लिए 113 करोड़ रुपये से अधिक की राशि आवंटित की गई है। सभी कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जा रहा है, और 90 प्रतिशत से अधिक परियोजनाएं अंतिम चरण में हैं। हालांकि, आरजी कर मेडिकल कॉलेज में इन कार्यों में कुछ देरी हो रही थी, क्योंकि वहां की जांच एजेंसियों से जरूरी अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) सिर्फ दो दिन पहले ही मिला है। उम्मीद जताई गई है कि सभी परियोजनाएं 15 अक्टूबर 2024 तक पूरी हो जाएंगी।
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हितधारकों की समिति और शिकायत निवारण प्रणाली
राज्य सरकार ने यह भी बताया कि सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में एक हितधारक समिति का गठन किया गया है, जिसमें विभागाध्यक्ष, सीनियर और जूनियर डॉक्टरों के साथ-साथ नर्सिंग स्टाफ भी शामिल होंगे। इसके साथ ही, एक राज्य स्तरीय शिकायत निवारण समिति भी बनाई गई है, जहां चिकित्सा से जुड़े सभी लोग अपनी शिकायतें या मुद्दे ईमेल के माध्यम से दर्ज करा सकते हैं।
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सुरक्षा के लिए विशेष समिति और महिला पुलिसकर्मी तैनात
सरकार ने अपनी रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया कि सभी मेडिकल कॉलेजों में सुरक्षा की समीक्षा के लिए एक विशेष समिति बनाई गई है। इसके अलावा, एक हजार 113 महिला कांस्टेबलों को राज्य के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में तैनात किया गया है, ताकि सुरक्षा और अधिक मजबूत हो सके।