हमेशा से ही शांत रहा मणिपुर का जिरीबाम जिला इन दोनों हिंसा का मुख्य केंद्र बनता जा रहा है। बीते तीन महीने से जिरीबाम में लगातार हिंसक घटनाएं हो रही हैं। बीते वर्ष 3 मई से शुरू हुई मणिपुर में हिंसा के लपटें जिरीबाम तक नहीं पहुंच सकी थीं। लेकिन, बीते करीब तीन महीने से जिरीबाम हिंसा का मुख्य केंद्र बन गया है। सुरक्षा बल लगातार अभियान चला रहे हैं।
इसी सिलसिले में बीते 24 घंटों के दौरान सुरक्षा वालों ने काफी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए हैं। मणिपुर पुलिस ने आज बताया कि पहाड़ी और घाटी जिलों के सीमांत और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों द्वारा तलाशी अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान जिरीबाम जिले के मोंगबुंग गांव और काशिमपुर बलिजुरी गांव से दो सब मशीन कार्बाइन, दो मैगजीन, 199 खाली कारतूस, एक इम्प्रोवाइज़ बम (पोम्पी बम) बरामद किया गया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि 27 सितंबर को कथित कूकी उग्रवादियों द्वारा अगवा किए गए दो मैतेई नागरिकों को मुक्त कराने के लिए राज्य भर में व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की निगरानी में चलाए जा रहे इस अभियान में हालांकि अबतक सफलता प्राप्त नहीं हुई है।