पर्यावरणीय असंतुलन को दूर करने के लिए नदियों की स्वच्छता को लेकर पैदल जनजागरण अभियान का शुभारंभ किया जाएगा। यह अभियान गांधी जयंती दो अक्टूबर से प्रारंभ होगा। इसकी शुरूआत चंबल-यमुना संगम जिला इटावा से की जाएगी। यह पैदल यात्रा दो हजार किमी. तय करते हुए मध्य प्रदेश व राजस्थान हेतु हुए चंबल नदी उद्गम स्थल इंदौर से होते मध्य प्रदेश के भरेह में समाप्त होगी। इस दौरान नदी किनारे रहने वाले निवासियों की उनकी स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाएगा।
यह जानकारी अभियान और ग्रीन इंडिया मूवमेंट के सदस्य रोबिन सिंह ने सोमवार को दी। उन्होंने बताया कि चंबल—यमुना संगम कचहरी जिला इटावा से ‘नदियां हमारी जीवन रेखा’ विषयक जनजागरण अभियान का शुभारंभ किया जाएगा। इस अभियान में क्षेत्र के प्रबुद्ध जन एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे। यह जन जागरण अभियान वर्तमान पर्यावरणीय असंतुलन को देखते हुए जन मानस को सचेत करने व पर्यावरण एवं जल के महत्व को जन—जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि स्वामी तेजोमयनंद वन जी महाराज के नेतृत्व में प्रारंभ की जाएगी। यह पैदल परिक्रमा एवं जनजागरण का मार्ग चंबल यमुना संगम कचहरी जिला इटावा से शुरू होकर मध्य प्रदेश एवं राजस्थान राज्यों के विभिन्न जिलों से होते हुए चंबल नदी के उद्गम स्थल महू जिला इंदौर तक जाएंगे। यहां से वापस दूसरे किनारे से राजस्थान एवं मध्य प्रदेश होते हुए पुनः चंबल यमुना संगम भरेह पर दिसंबर महीने में संपन्न होगा। यह पैदल परिक्रमा लगभग 2000 किमी. की दूरी तय होगी और चंबल के किनारे बसे गांवों के लाखों लोगों से संवाद भी किया जाएगा, ताकि इस पैदल परिक्रमा एवं जनजागरण अभियान का असर भी दिखें।