राजस्थान के 19 जिलों में आज बारिश का अलर्ट

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राजस्थान में चिलचिलाती धूप के बीच तापमान में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। दक्षिण पश्चिम मानसून की विदाई प्रदेश के कई हिस्सों से हो गई है। अब मानसून की विदाई रेखा चूरू, अजमेर और माउंट आबू से होकर गुजर रही है। शुक्रवार को उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ समेत सात से ज्यादा जिलों में दाे इंच तक बरसात हुई। दूसरी तरफ पश्चिमी जिलों (जैसलमेर और फलोदी) में गर्मी का सितम बरकरार है। यहां तापमान 40 डिग्री सेल्सियस बरकरार है। मौसम विशेषज्ञों ने राज्य के 19 जिलों में आज बारिश होने की संभावना जताई है। जबकि कल से प्रदेश में बारिश का दौर थमने और दक्षिण राजस्थान को छोड़कर शेष जगहों पर मौसम साफ रहने की संभावना है।

शुक्रवार को जयपुर सहित अन्य जगहों पर तेज धूप से लोग परेशान रहे। जयपुर के नजदीक कुछ जगहों पर बूंदाबांदी भी हुई। वनस्थली में 5.8, डबोक में 15, श्रीगंगानगर में 8.4, डूंगरपुर में 42, माउंटआबू में 16 मिलीमीटर बारिश हुई। जयपुर मौसम केंद्र के मुताबिक कोटा, जयपुर, भरतपुर, अजमेर, उदयपुर संभाग के कुछ भागों में मेघगर्जन के साथ हल्के और मध्यम दर्जे की बारिश 30 सितंबर तक जारी रहने की संभावना है। बीकानेर और जोधपुर संभाग के अधिकांश भागों में आगामी तीन चार दिन मौसम मुख्यतया शुष्क रहेगा। पिछले 24 घंटे के दौरान सबसे ज्यादा बरसात बांसवाड़ा के दानपुर में 50 मिलीमीटर हुई। उदयपुर के लसाड़िया में 48 , सहाड़ा में 24, सिरोही के आबू रोड में 22, राजसमंद के आमेठ में 11, कोटा के सांगोद में 15, झालावाड़ के गंगधर में 29, जालाेर में भीनमाल में 21, श्रीगंगानगर में 12, डूंगरपुर के बंगकोट में 22, बाड़मेर के रामसर में 8, प्रतापगढ़ के धरियावद में 8 और बारां के छबड़ा में 2 मिलीमीटर बरसात हुई।

प्रदेश के आधे से ज्यादा हिस्सों से भले ही दक्षिण पश्चिमी मानसून विदा हो गया है लेकिन जमकर मेहरबान रहे मानसून के कारण प्रदेश के कई बांध अब तक ओवरफ्लो होकर छलक रहे हैं। पिंकसिटी समेत तीन जिलों का कंठ तर कर रहा बीसलपुर बांध आज 23वें दिन भी छलक रहा है। त्रिवेणी से बांध में हो रही पानी की आवक ने जल संसाधन विभाग की बांध के खुले एक गेट को बंद करने की तैयारी को फेल कर दिया है। मानसून की सुस्ती के बावजूद त्रिवेणी में पानी का बहाव ढाई मीटर से उपर चल रहा है।

जल संसाधन विभाग के अधिशाषी अभियंता मनीष बंसल के अनुसार बांध में हो रही पानी की आवक को देखते हुए फिलहाल खुले एक गेट को बंद करने की योजना को टाल दिया गया है। अब आगामी दिनों में गेट कब बंद होगा इस बारे में फिलहाल कुछ नहीं कह सकते। त्रिवेणी से हो रही पानी की आवक पर चौबीस घंटे निगरानी रखी जा रही है।

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