श्रीलंका के राष्ट्रपति का अर्थव्यवस्था में स्थिरता पर जोर, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से करेंगे बातचीत

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श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके का कहना है कि देश में इस वक्त सबसे बड़ी जरूरत अर्थव्यवस्था में स्थिरता और विश्वास स्थापित करने की है। उन्होंने इसके महत्व पर जोर देते हुए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ तत्काल बातचीत फिर से शुरू करने की घोषणा की।

श्रीलंका के प्रमुख समाचार पत्र डेली मिरर की खबर के अनुसार, राष्ट्रपति दिसानायके ने कार्यभार संभालने के बाद देश के नाम अपने पहले संबोधन में कल कहा कि वर्तमान अर्थव्यवस्था में स्थिरता और विश्वास हासिल करना महत्वपूर्ण है। हम अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ तत्काल बातचीत शुरू करने और विस्तारित ऋण सुविधा से संबंधित गतिविधियों को आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। आवश्यक ऋण राहत सुनिश्चित करने के लिए संबंधित ऋणदाताओं से बातचीत की की जा रही है।

उन्होंने कहा कि श्रीलंका को एक ऐसी संसद की आवश्यकता है जो लोगों की इच्छा को समझ सके। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में सहयोग और समर्थन देने के लिए नागरिकों का आभार व्यक्त किया। दिसानायके ने कहा कि यह उनकी जीत नहीं सारे देश के लोगों की जीत है। राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी आंखों में समृद्ध राष्ट्र का सपना पल रहा है। देश टीम के रूप में मजबूत राष्ट्र का निर्माण करेगा। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में राजनीतिक संस्कृति में नकारात्मक लक्षणों को समाप्त करने पर जोर दिया। दिसानायके ने कहा कि हम सब सबसे पहले श्रीलंका के नागरिक हैं। उसके बाद सिंहली, तमिल, मुस्लिम, बर्गर या मलय। वह जरूरत पड़ने पर संवैधानिक, आर्थिक और राजनीतिक सुधारों को लागू करने में संकोच नहीं करेंगे। विविधता का सम्मान किया जाएगा। जाति, धर्म और वर्ग के आधार पर विभाजन के युग को पूरी तरह से समाप्त किया जाएगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि वह ऐसे श्रीलंका की कल्पना कर रहे हैं, जिसमें किसी भी माता-पिता को अपने बच्चे के भविष्य के बारे में चिंता न करनी पड़े। हर माता-पिता को अपने बच्चे को गुणवत्तापूर्ण स्कूल और शिक्षा प्रदान करने का अधिकार है। वह अगली पीढ़ी के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। ज्ञान, दृष्टिकोण और कौशल को बढ़ावा देकर युवा पीढ़ी के लिए आशाजनक भविष्य का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने उनका लक्ष्य एक ऐसा राष्ट्र बनाना है जहां दुनिया श्रीलंका के पासपोर्ट का सम्मान करे और हर नागरिक गर्व से कह सके, ”मैं एक श्रीलंकाई हूं”। राष्ट्रपति ने कहा, ”हमारे लोग हर दिन सूर्योदय के साथ एक ही सपना देखते हैं। वह है ”कल आज से बेहतर होगा।”

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