केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को निवेश के अवसरों पर चर्चा करने के लिए भारत और ऑस्ट्रेलिया की विभिन्न कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख सुपर फंड्स के साथ शानदार बैठक हुई, जिसमें हमने भारत के गतिशील विकास क्षेत्रों में महत्वपूर्ण निवेश अवसरों की खोज की।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में ऑस्ट्रेलिया भारत संबंध केंद्र द्वारा आयोजित लंच राउंडटेबल में ऑस्ट्रेलियाई व्यापार जगत के नेताओं के साथ नान और नई जमीन पर चर्चा के बाद यह कही। उन्होंने बताया कि इस बैठक मेन्यू में विचारों का संगम, नवाचार की झलक और नए भारत की खुशबू और हमारी रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने के अवसरों के तहत द्विपक्षीय सहयोग की हार्दिक सेवा शामिल थी। उन्होंने कहा कि सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा हुई, जिससे भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार और निवेश संबंधों को और बढ़ावा मिलेगा।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री गोयल ने कहा कि भारत के विकास और दोनों पक्षों के बीच सहयोग के भविष्य के अवसरों पर चर्चा करने के लिए ऑस्ट्रेलिया की बिजनेस काउंसिल और भारतीय उद्योग प्रतिनिधिमंडल के साथ जुड़ना बहुत अच्छा लगा। उन्होंने आगे कहा कि मुंबई से मेलबर्न तक भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक कम्पास साझा समृद्धि की ओर इशारा करता है। उन्हाेंने कहा कि हमने अपने व्यापार, निवेश और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए नए रास्ते तलाशे हैं। उन्होंने कहा कि एयरट्रंक के संस्थापक और सीईओ रॉबिन खुदा से परिचय हुआ। भारत के डिजिटलीकरण विकास और भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में सहयोग की महत्वपूर्ण संभावनाओं पर चर्चा की गई। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खनन क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने पर खनिज परिषद की सीईओ तानिया कॉन्स्टेबल के साथ शानदार चर्चा हुई।
उल्लेखनीय है कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ऑस्ट्रेलियाई उद्योग जगत के नेताओं के साथ भारत में निवेश के अवसरों पर चर्चा के लिए ऑस्ट्रेलिया के व्यापार और पर्यटन मंत्री डॉन फैरेल के निमंत्रण पर 23-25 सितंबर तक ऑस्ट्रेलिया की आधिकारिक दौरे पर हैं। गोयल 25 सितंबर को एडिलेड में होने वाली 19वीं भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त मंत्रिस्तरीय आयोग की बैठक में ऑस्ट्रेलिया के व्यापार और पर्यटन मंत्री डॉन फैरेल के साथ सह-अध्यक्षता करेंगे। इस दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को और प्रगाढ़ करने के स्वरूपों पर भी विचार-विमर्श करेंगे।