प्रोविडेंट फंड के फायदे; मृत्यु के बाद दो बच्चों को हर महीने 750, पेंशन में 3 हजार रुपये महीना

0
87

सांसें किसकी कब थम जाए, किसी को पता नहीं होता। मौत हादसे में भी हो सकती है और स्वभाविक भी। परिवार के मुखिया की मौत के बाद पत्नी और बच्चों के सामने रोजी रोटी के लिए संकट पैदा हो जाता है। प्रोविडेंट फंड एक ऐसा विभाग है, जो ऐसे परिवारों को सहारा देता है और मुश्किल हालत में परिवार का साथ देता है। बशर्ते मृतक का विभाग में यूएनए नंबर होना अनिवार्य है।

यानि वह किसी कंपनी का एंप्लाय हो और उसका पीएफ जमा होता हो। हालांकि एक स्कीम ऐसी भी है। भले ही वह किसी भी कंपनी में नौकरी न करता हो और उसका प्रोविडेंट फंड में खाता है तो भी यह विभाग परिवार की मदद करता है।

एंप्लाय की मौत के बाद यह मिलता है लाभ

प्रोविडेंट फंड के असिसटेंट कमिश्नर नितिन उत्तम ने बताया कि यदि परिवार का मुखिया किसी कंपनी में नौकरी करता है और उसकी सैलरी 15 हजार या फिर 15 हजार से अधिक है और उसका प्रोविडेंट फंड विभाग में जमा होता है तो उसे विभाग कई तरह की सुविधाएं देता है।

  • परिवार की मुखिया की किसी भी तरह मौत होती है तो उसकी पत्नी को विभाग आजीवन तीन हजार रुपये प्रतिमाह देता है।
  • दो बच्चों को 750-750 रुपये हर माह देता है। बच्चा जब 25 साल का हो जाएगा तो यह पैसा नहीं मिलेगा। यदि सैलरी 15 हजार से कम है तो यह रकम प्रतिशत के हिसाब से कम हो जाएगी।
आन ड्यूटी पर मौत के बाद मिलता है सात लाख की बीमा

यदि आपका प्रोविडेंट फंड जमा हो रहा है और आपकी ऑन ड्यूटी के समय मौत हो जाती है तो प्रोविडेंट फंड विभाग आपकी पत्नी को सात लाख रुपये देगा। ऑन ड्यूटी का मतलब है कि मौत कहीं भी और कैसे भी हो, बस मृतक नौकरी में हो। नौकरी छोड़ी न गई हो। यदि मरने से पहले नौकरी छोड़ दी है तो बीमा का लाभ फिर नहीं मिलेगा।

रिटायरमेंट के बाद देना होगा जिंदा होने का प्रमाण

प्रोविडेंट फंड विभाग मेरठ के असिस्टेंट कमिश्नर नितिन उत्तम ने बताया कि रिटायरमेंट के बाद प्राइवेट कर्मचारियों को विभाग पेंशन देता है। हर साल पेंशनधारक को अपने नजदीकी बैंक में जाकर बायोमैट्रिक हाजिरी लगानी होगी। इस दौरान पेंशनधारक को अपने साथ पीपीओ नंबर, आधार नंबर, आधार नंबर से लिंक मोबाइल नबर बैंक में ले जाना होगा और हाजिरी लगानी होगी। उससे पीएफ विभाग को पता चल जाएगा कि पेंशनधारक जिंदा है।

हर स्कीम के लिए चल रहा जागरूकता अभियान

असिस्टेंट कमिश्नर नितिन उत्तम का कहना है कि प्रोविडेंट फंड में जो भी स्कीम चल रही है। उनका खूब प्रचार प्रसार किया जा रहा है। मेरठ के अधीन गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, बागपत, बिजनौर, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली आते हैं। इसलिए इन सभी जनपदों में जागरूकता अभियान चल रहा है।

 

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here