रामनगर ब्लाक की बीडीओ मोनिका पाठक के खिलाफ मंगलवार को भी प्रधानों का ब्लॉक परिसर में धरना चालू रहा। उनकी मांग है कि जब तक बीडीओ ब्लाक से हटाई नहीं जाएंगी, उनका धरना लगातार जारी रहेगा। धरना दे रहे प्रधान इस दाैरान बीडीओ पर आराेप मड़ रहे हैं कि आखिर हर जगह अपनी तैनाती के दौरान विवादित क्यों रहती हैं। ब्लॉक में उनके खिलाफ प्रधानों का धरना दूसरे दिन भी जारी है।
बीडीओ मोनिका पाठक सिरौली गौसपुर में तैनात रहीं तो वहां भी प्रधानों ने उनको हटाने को लेकर धरना दिया था। वहां से उनको हरख भेजा गया, मगर वहां भी कुछ दिनों बाद प्रधानों ने उनको हटाने के लिए ज्ञापन देकर धरना शुरु कर दिया। वहां से उनकी तैनाती रामनगर हुई लेकिन एक महीने बाद यहां भी कमीशन खोरी व उत्पीड़न का आरोप लगा कर प्रधान उनको हटाने की मांग को लेकर धरना शुरु कर दिए। अब लोग यह जानने को ज्यादा उत्सुक है कि आखिर उनकी सभी जगह प्रधानों से क्यों नहीं बन पाती।
ग्राम प्रधान दूसरे दिन भी खबर लिखे जाने तक धरने पर बैठे हुए हैं। उनका कहना है कि ब्लॉक में कमीशन खोरी व भ्रष्टाचार चरम पर है। बीडीओ जब तक नहीं हटेगी, धरना चालू रहेगा। सामूहिक इस्तीफे पर प्रधान अब भी अड़े हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को ब्लॉक सभागार में प्रधान संघ के जिलाध्यक्ष रामकुमार मिश्रा सहित सभी प्रधान इकट्ठा हुए और बैठक शुरु की। प्रधानों का आरोप है कि बैठक के बारे में बात न कर बीडीओ मोनिका पाठक ब्लॉक से कहीं निकल गई, जो धरना शुरु होने के बाद लौटी। सभी प्रधानों ने कहा कि भारी कमीशन के चलते बीडीओ के साथ कार्य कर पाना कठिन है। इनको ब्लॉक से हटाया जाए। इस बीच सूचना पाकर एसडीएम पवन कुमार, कोतवाल रत्नेश पांडेय व ब्लाक प्रमुख भी वार्ता कर धरना खत्म कराने आये मगर बात नहीं बनी। मंगलवार सुबह से ही प्रधान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। प्रधानों का कहना है कि कहां से कमीशन एडवांस में दें। इनको हटवाया जाए। एसडीएम ने बीडीओ के कक्ष में बैठकर उनसे भी वार्ता की और लौट गए।
प्रधानों की मांगों में विकास खंड में कमीशन खोरी बंद कराने, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने, मनरेगा ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करने, मनरेगा के पक्के कार्यों का क्रम वार एफटीओ बनवाने, गौशाला आदि के लंबित भुगतान कराने व डिमांड समय पर भेजने, मनरेगा का प्रत्येक गाँव में 60-40 के अनुपात में पक्के कार्य करवाने, आईडी स्टीमेट ग्राम पंचायत की मांग अनुसार तुरंत निर्गत कराने, प्रत्येक गाँव में सफाई कर्मी नियुक्त कराने, बाढ़ इलाके की ग्राम पंचायतों में प्राथमिकता देने, जियो टैग समय से रिसीव कराने जैसी मांगे शामिल रहीं। उधर, बीडीओ मोनिका पाठक का कहना था कि वे सभी बातों को सुनने को तैयार हैं। समाधान चाहिए तो उनके पास आकर बताए। कुछ की जांच हैं जो धरना देकर मुद्दे से भटकाने की बात की जा रही है। गलत बात किसी की भी नहीं मानी जायेगी। धरना में करीब साठ प्रधान शामिल रहे।