सुप्रीम कोर्ट ने ”नाबालिग लड़कियों को दो मिनट के मजे की बजाय अपनी यौन इच्छाओं पर कंट्रोल रखना चाहिए” की टिप्पणी करने वाले कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने रेप के लिए दोषी को मिली सजा को बरकरार रखी है।
कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया था। दरअसल आठ दिसंबर, 2023 को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के वकील से इस मामले में अपील दाखिल करने पर उनका रुख पूछा था। कोर्ट ने कहा था कि ऐसे मामलों में जजों को अपनी व्यक्तिगत राय जाहिर नहीं करनी चाहिए। जस्टिस एएस ओका ने पश्चिम बंगाल सरकार से पूछा था कि वह यह बताएं कि कलकत्ता हाई कोर्ट के इस फैसले को चुनौती दी है या चुनौती देना चाहती है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले के आरोपित और पीड़िता को नोटिस जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जजों को उपदेश देने से बचना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट की टिप्पणी को गैरजरूरी और आपत्तिजनक कहा था। उल्लेखनीय है कि 18 अक्टूबर, 2023 को कलकत्ता हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने पॉक्सो के मामले की सुनवाई करते हुए टिप्पणी की थी कि ”नाबालिग लड़कियों को दो मिनट के मजे की बजाय अपनी यौन इच्छाओं पर कंट्रोल रखना चाहिए”।