कोलकाता के प्रसिद्ध आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बुधवार देर रात हुई हिंसक घटना के मामले में पुलिस ने अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन गिरफ्तारियों के आधार पर तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनमें एक मामला आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज किया गया है। शुक्रवार को कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस घटना से शहर में भारी आक्रोश है और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले की जांच तेज कर दी है।
गुरुवार को दिनभर चली पूछताछ के बाद 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनसे कोलकाता पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की। शाम होते-होते पुलिस ने दो और संदिग्धों को गिरफ्तार किया। इस प्रकार अब तक इस मामले में कुल 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इनमें से 10 को 22 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने घटना के बाद सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें साझा कीं, जिनमें आरोपितों को लाल घेरे से चिन्हित किया गया था। इन तस्वीरों के आधार पर पुलिस ने जनता से सूचना देने की अपील की थी, जिसके बाद शाम को और गिरफ्तारियां संभव हो सकीं।
यह घटना उस समय हुई जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पिछले सप्ताह एक महिला डॉक्टर के साथ हुए कथित बलात्कार और हत्या के विरोध में प्रदर्शन हो रहा था। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान बुधवार रात अस्पताल के आपातकालीन विभाग में हमला किया गया। हमले के दौरान आरोप है कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने डॉक्टरों और पुलिस पर हमला किया। इस दौरान सीसीटीवी कैमरे, कुर्सियां, टेबल और दरवाजे सहित कई जरूरी चिकित्सा उपकरणों को तोड़ दिया गया। हालांकि, पुलिस के अनुसार, जिस कमरे में डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना हुई थी, वहां कोई नहीं पहुंच पाया और वह कमरा पूरी तरह सुरक्षित है।
पुलिस ने इस हमले के संबंध में तीन मुकदमे दर्ज किए हैं, जिनमें तोड़फोड़, सरकारी संपत्ति का नुकसान और आर्म्स एक्ट के तहत मामले शामिल हैं। हालांकि, अस्पताल प्रशासन की ओर से अभी तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल खुद पूछताछ की प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं।
इस घटना ने कोलकाता में सुरक्षा व्यवस्था और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, और पुलिस अब पूरी तरह से मामले की तह तक पहुंचने में जुटी हुई है।