सामाजिक सरोकारों के साथ घरेलू पारिवारिक विवादों को सुलह समझौते के आधार पर निपटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रोबेशन विभाग को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नवजात लावारिस शिशुओं की परवरिश किए जाने की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। प्रोबेशन विभाग जल्दी ही जिला मुख्यालय में दत्तक ग्रहण केंद्र शुरू करने जा रहा है, जहां नवजात उम्र से 6 वर्ष तक के बच्चों की समुचित देखभाल के प्रबंध कराए जाएंगे।
जिला प्रोबेशन अधिकारी शक्ति त्रिपाठी ने बताया कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में उन्हें यह जिम्मेदारी मिली है कि ऐसे बच्चे जिनकी उम्र शून्य से 6 वर्ष के बीच हो और उन्हें किन्हीं परिस्थितियों के चलते लावारिस छोड़ दिया जाता है, उनकी जिम्मेदारी से संभाला व परवरिश की जाएगी। उन्होंने बताया कि इसकाे लेकर 10 बेड के दत्तक ग्रहण केंद्र के निर्माण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू करा दिया जाएगा। जिले में मिलने वाले बच्चों को इलाज और देखभाल के लिए फिलहाल प्रयागराज भेजा जाता है।