पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनके घर जाएंगी। ममता ने घोषणा की है कि राज्य सरकार पूर्व मुख्यमंत्री की अंतिम यात्रा में पूरा सम्मान और सहयोग प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने मंत्रियों अरूप विश्वास और फिरहाद हाकिम को इस मामले की निगरानी करने की जिम्मेदारी सौंपी है।
ममता को प्रशासनिक सूत्रों से बुद्धदेव के निधन की खबर मिली। उसी समय उन्होंने अपने दो मंत्रिमंडलीय सहयोगियों को बुद्धदेव के घर पहुंचने के लिए कहा। ममता ने बताया, “हम राज्य सरकार की तरफ से उनकी अंतिम यात्रा में पूरा सम्मान और सहयोग देंगे। उनकी पार्टी के फैसले के अनुसार जहां-जहां वे उन्हें ले जाना चाहेंगे, वहां राज्य सरकार का पूरा सहयोग रहेगा।”
ममता ने यह भी कहा कि जहां भी उन्हें संरक्षित रखने का निर्णय लिया जाएगा, वह वहां जाकर अपनी अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करेंगी।
बुद्धदेव और ममता ने अपने राजनीतिक जीवन में एक-दूसरे के खिलाफ संघर्ष किया था। ममता ने बुद्धदेव को सत्ता से हटाकर राज्य की बागडोर संभाली थी। लेकिन इसके बाद भी उनके बीच व्यक्तिगत संबंध मजबूत रहे। ममता ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में बुद्धदेव को आमंत्रित किया था, जिसे उन्होंने स्वीकार किया था।
सिंगुर-नंदीग्राम प्रकरण के दौरान उनके बीच जो राजनीतिक कड़वाहट थी, वह बीते कुछ वर्षों में पूरी तरह समाप्त हो गई थी। ममता कई बार बुद्धदेव के घर गईं और उनसे मुलाकात की। बुद्धदेव की पत्नी मीरा भट्टाचार्य के साथ ममता का संपर्क बना रहा। बुद्धदेव कई बार अस्पताल में भर्ती हुए और ममता ने हर बार जाकर उनका हालचाल लिया। गुरुवार को ममता ने कहा, “राजनीति अपनी जगह है और व्यक्तिगत संबंध अपनी जगह। राजनीति और मानवता अलग हैं। बहुत दुख हो रहा है। उनका चेहरा याद आ रहा है। उनकी पत्नी बहुत अच्छी हैं। जब भी उनके घर गई, उन्होंने हमेशा आदर और सम्मान से बात की।”