उत्तर प्रदेश में उत्तरी पश्चिमी हवाओं से भारी बारिश की संभावना

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बंगाल की खाड़ी से चल रही हवाएं उत्तरी पश्चिमी हवाओं के चलने से सीधे उत्तर प्रदेश के गंगा मैदानी इलाकों पर आ रही हैं। इसके साथ ही एक साइक्लोन भी बना हुआ है और मानसून की ट्रफ रेखा भी उत्तर प्रदेश में आकर टिक गई है। इससे उत्तर प्रदेश में आगामी दो दिन मध्यम से लेकर भारी बारिश की संभावना है, लेकिन यह बारिश जलवायु परिवर्तन के कारण खंडवार बारिश के रूप में होगी।

चंद्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर एस एन सुनील पांडे ने शुक्रवार को बताया कि अगले 24 घंटे में लखनऊ, उन्नाव, हरदोई, कन्नौज, फतहेपुर, हमीरपुर, उरई और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश की संभावना है। वहीं कानपुर में हल्की बारिश की ही संभावना है। यह मौसमी गतिविधियां उत्तर प्रदेश में उत्तर पश्चिमी हवाओं के चलने से सक्रिय हुई हैं, क्योंकि बंगाल की खाड़ी से चल रही हवाएं अभी तक चीन की तरफ चली जा रही थी और अब उत्तर पश्चिमी हवाएं चलने से सीधे गंगा के मैदानी इलाकों पर आ रही हैं।

इसके अलावा मानसून की ट्रफ लाइन जो अभी तक मध्य प्रदेश में टिकी हुई थी वह भी गंगा के मैदानी इलाकों पर आ गई है। ऐसे में आगामी दो दिन उत्तर प्रदेश में भारी बारिश की संभावना है लेकिन यह बारिश जलवायु परिवर्तन के कारण खंडवार रूप में होगी, यानी किसी कस्बे में अधिक बारिश और किसी कस्बे में मध्यम बारिश होगी। मौसम की जिस प्रकार गतिविधियां बनी हुई हैं उससे संभावना है इस माह औसत से अधिक बारिश होगी। यह बारिश धान की फसल के लिए बहुत लाभप्रद होगा। मानसून की धुरी का पश्चिमी छोर सक्रिय है और अपनी सामान्य स्थिति के उत्तर में है और पूर्वी छोर समुद्र तल पर सामान्य के करीब है। औसत समुद्र तल पर मानसून ट्रफ अब फिरोजपुर, चंडीगढ़, देहरादून, बरेली, गोरखपुर, भागलपुर, बांकुरा से होकर पूर्व-दक्षिणपूर्व की ओर उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी तक जा रही है।

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