श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी श्रावण महोत्सव मन रही है। इस वर्ष इसे नाम दिया है : “शिवसंभवम”। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक मृणाल मीना ने बताया कि 19 वे अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव “शिवसंभवम” का आयोजन श्री महाकालेश्वर मंदिर के पास स्थित त्रिवेणी कला एवं पुरातत्वव संग्रहालय सभागृह, जयसिंह पुरा उज्जैन में शनिवार शाम 7 बजे किया जाएगा |
प्रथम शनिवार को मुंबई के पं. रतन मोहन शर्मा का शास्त्रीय गायन, उज्जैन के पं. रामचन्द्र चौहान के निर्देशन में संस्था श्री गेबी साहब ताल वाद्य कचहरी द्वारा समूह तबला वादन, व उज्जैन की ऐश्वार्या शर्मा की कथक नृत्य की प्रस्तुातियॉ होंगी।
कलाकारों का परिचय –
*पं.रतन मोहन शर्मा: शास्त्रीय गायक पं.जसराज के भतीजे और शिष्य हैं | मेवाती घराने की हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत शैली के द्योतक होने के साथ ही हिंदुस्तानी संगीत में आपकी विशेषज्ञता असाधारण रूप से गहरी, व्यापक और प्रेरणादायक है | आप ख्याल शैली, तराना, ध्रुपद शैली, हवेली संगीत (मंदिर संगीत), टप्पा और कई हल्के-शास्त्रीय रूपों (भजन और कीर्तन सहित) के एक कुशल गायक हैं । राजस्थानी लोक संगीत शैली के एक प्रतिष्ठित कलाकार भी हैं। आपने कई टेली-सीरियल और निजी एल्बमों को संगीत दिया है।
पं. राम चन्द्र चौहान: आपकी तबले की प्रारम्भिक शिक्षा पं.नृसिंह दास महन्त द्वारा हुई। वर्तमान में इन्हीं के पुत्र पं. बालकृष्ण महन्त से ये शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। आप आकाशवाणी के कलाकार रहे है और दूरदर्शन के कई कार्यक्रमों में प्रस्तुति दे चुके है। आपको अखिल भारतीय गंधर्व मण्डल मुम्बई द्वारा “संगीत रत्न” की उपाधि से सम्मानित किया गया है। संस्था श्री गेबी साहब ताल वादन कचहरी के माध्यम से विगत १० वर्षों से राष्ट्रीय स्तर पर निरंतर प्रस्तुतियां हो रही है I
ऐश्वर्या शर्मा: जयपुर घराने की कथक नृत्यांगना है। नृत्य की प्रारंभिक शिक्षा उज्जैन में प्रतिभा रघुवंशी के मार्गदर्शन में प्राप्त की है। कथक नृत्य में डिप्लोमा इन परफार्मिंग आर्ट्स की परीक्षा राजा मानसिंह तोमर विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण की है। आपने दिल्ली कथक केंद्र के गुरु पंडित राजेंद्र गंगानी की कार्यशाला में नृत्य की बारीकियां सीखी है और वर्तमान में सुष्मिता पंवार से कथक नृत्य की शिक्षा ले रही हैं।