दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में आरोपित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तिहाड़ जेल में अपने वकील से ज्यादा मुलाकात की मांग वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।
हाई कोर्ट ने 8 जुलाई को केजरीवाल की याचिका पर तिहाड़ जेल प्रशासन और ईडी को नोटिस जारी किया। केजरीवाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने वकीलों के साथ हफ्ते में दो और अतिरिक्त मुलाकात की इजाजत मांगी है। अभी केजरीवाल नियमों के मुताबिक हफ्ते में सिर्फ दो बार ही अपने वकीलों से मीटिंग कर सकते हैं। केजरीवाल का कहना है कि वो 30 से ज्यादा केस का सामना कर रहे हैं इसलिए उन केस के बारे में चर्चा करने के लिए इन मुलाकातों की संख्या बढ़ाये जाने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि 10 अप्रैल को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल की अपने वकील से ज्यादा समय तक मिलने देने की अनुमति की मांग खारिज कर दी थी। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने ये फैसला सुनाया था। केजरीवाल ने राऊज एवेन्यू कोर्ट के इसी आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
केजरीवाल ने याचिका में कहा था कि अपने खिलाफ देशभर में दायर मुकदमों की तैयारी करने के लिए जेल में अपने वकील से ज्यादा समय की जरूरत है। केजरीवाल के खिलाफ देशभर में कई मुकदमे दायर किए गए हैं। इन मुकदमों की तैयारी के लिए उन्हें वकील के साथ ज्यादा समय बिताने की जरूरत है। कोर्ट ने हफ्ते में दो बार वकील से मिलने की अनुमति दी है, ये उनके लिए पर्याप्त नहीं है। केजरीवाल ने अपने वकील से हफ्ते में पांच बार मिलने की अनुमति मांगी है।
21 मार्च को हाई कोर्ट से गिरफ्तारी से संरक्षण नहीं मिलने के बाद ईडी ने 21 मार्च को ही देर शाम को केजरीवाल को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। ईडी के मामले में सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे चुका है। केजरीवाल को सीबीआई ने 26 जून को गिरफ्तार किया था। सीबीआई की गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर हाई कोर्ट ने 17 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।