नेपाल में गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात बस यात्रियों के लिए सबसे खौफनाक रात रही। भूस्खलन की चपेट में आने से जहां दो यात्री वाहन नदी में डूब गए वहीं एक ऐसी घटना सामने आई है जिसमें बस चालक ने अपनी जान देकर 30 यात्रियों की जान बचाई।
स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक भारी बारिश के बीच हुए भूस्खलन के कारण पहाड़ों से मलबे के साथ लगातार बड़े-बड़े पत्थर सड़क पर आ रहे थे। इसी बीच बुटवल से 30 यात्रियों को लेकर काठमांडू आ रही एक यात्री बस बीच रास्ते में नारायणगढ़ मुगलिंग के पास इन पत्थरों की चपेट में आ गई। इस बस में सवार एक यात्री ने पुलिस को बताया कि चालक 36 वर्षीय मेघराज विक की तरफ एक बड़ा पत्थर आगे वाले शीशे पर गिर गया जिसके कारण वह चालक गंभीर रूप से लहूलुहान हो गया। चालक ने तत्काल सूझबूझ दिखाते हुए बस का ब्रेक लगा दिया जिससे बस खाई में गिरने से बच गई। यात्रियों ने बताया कि बस जहां रुकी थी उसके कुछ दूरी पर उनकी आंखों के सामने पहाड़ से बहुत बड़ा मलबा गिरा जिसके कारण सड़क अवरुद्ध हो गया।
बस चालक द्वारा ब्रेक लगाने के कारण किसी भी यात्री को कुछ नहीं हुआ और एक बड़ी दुर्घटना का शिकार होने से सभी बच गए। चितवन पुलिस ने बताया कि सिर पर गहरी चोट लगने और अत्यधिक रक्तस्राव के कारण चालक ने अस्पताल के रास्ते में दम तोड़ दिया। चितवन पुलिस ने सभी यात्रियों को बस से उतार कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।