पश्चिम बंगाल की नगरपालिकाओं की भर्ती घोटाले में एक प्रमुख संदिग्ध देवेश चक्रवर्ती को सीबीआई ने पूछताछ के लिए समन भेजा है। देवेश चक्रवर्ती गिरफ्तार निजी प्रमोटर अयन सिल के करीबी माने जाते हैं। सीबीआई का मानना है कि चक्रवर्ती अयन सिल और मामले में शामिल बिचौलियों के बीच मुख्य कड़ी थे। चक्रवर्ती को जल्द से जल्द कोलकाता स्थित निजाम पैलेस कार्यालय में हाजिर होने के लिए कहा गया है।
सूत्रों के अनुसार, चक्रवर्ती का नाम केंद्रीय एजेंसी द्वारा विशेष सीबीआई अदालत में दाखिल किए गए आरोप पत्र में सह-आरोपी के रूप में भी शामिल है।
मुख्य बिचौलिए की भूमिका में था देवेश
प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि चक्रवर्ती वे अंतिम व्यक्ति थे जो योग्य उम्मीदवारों को, जो नौकरी के लिए पैसे देने को तैयार थे, अयन सिल की एजेंसी से जोड़ते थे।
सूत्रों का कहना है कि पहले इन उम्मीदवारों को चक्रवर्ती से मिलवाया जाता था, और सौदा तय होने के बाद चक्रवर्ती इन्हें अयन सिल को सिफारिश के लिए भेजते थे।
सीबीआई को कुछ ऐसे उम्मीदवारों के नाम मिले हैं जिन्होंने चक्रवर्ती की सिफारिश पर नौकरी प्राप्त की थी। इनमें से कुछ उम्मीदवारों से सीबीआई ने पूछताछ की और उनसे चक्रवर्ती के बारे में जानकारी मिली।
जांच में पता चला कि कई नगरपालिकाओं में नकद के बदले भर्तियां की गई थीं, जिनमें चिकित्सा अधिकारी, वार्ड मास्टर, क्लर्क, ड्राइवर, सहायक, सफाईकर्मी आदि के पद शामिल थे।
आरोप पत्र में सीबीआई ने विस्तार से बताया कि विभिन्न पदों के लिए लिखित परीक्षाओं में समान प्रश्नपत्र कैसे तैयार किए गए थे, ताकि पैसे देकर नौकरी पाने वाले उम्मीदवारों को आसानी हो।
पूछताछ में यह भी पता चला कि इस काम के लिए किसी विशेषज्ञ एजेंसी की बजाय प्रश्नपत्र सेट करने का काम अयन सिल की एजेंसी को दिया गया था।
इस तरह की गड़बड़ियों के चलते सीबीआई इस मामले में गंभीरता से जांच कर रही है और जल्द ही और भी नाम सामने आने की संभावना है।