कानपुर के मूल निवासी और अब अमेरिका के शिकागो में इंजीनियर दंपती के साथ अजीब घटना हो गई। वंदेभारत एक्सप्रेस से दिल्ली से वाराणसी आते समय कानपुर स्टेशन पर सेल्फी लेने का मोह त्याग नहीं सके और ट्रेन छूट गई। ट्रेन के साथ ही उनका सामान भी चला गया। दूसरी ट्रेन पकड़कर जब तक वाराणसी पहुंचे तब तक उनका सामान दोबारा दिल्ली पहुंच चुका था। दो दिनों तक परेशान रहने के बाद आज पूरा सामान मिला तो जान में जाऩ आई।
कानपुर आईआईटी से 1967 में पास आउट एनआरआई संतोष कुमार तिवारी अपनी पत्नी अंजली तिवारी के साथ वाराणसी घूमने निकले थे। वंदेभारत एक्सप्रेस में सीट बुक कराई और बुधवार की सुबह दिल्ली से वाराणसी के लिए रवाना हो गए। ट्रेन कानपुर पहुंची तो यादें ताजा हो गईं। कानपुर स्टेशन पर एक सेल्फी लेने का मोह हुआ और संतोष पत्नी के साथ ट्रेन से नीचे आ गए।
फोटो खींचने में इतने मशगूल हुए कि सिग्नल दिखाई नहीं दिया। इससे पहले कि वह ट्रेन पर सवार होते दरवाजे अपने आप लॉक हो गए और ट्रेन चल दी। वह पत्नी के साथ प्लेटफार्म पर थे और उनका पूरा सामान ट्रेन के अंदर। किसी तरह वहां से अगली ही ट्रेन पकड़कर पं. दीनदयाल जंक्शन (मुगलसराय) पहुंचे। वहां से वाराणसी के कैंट स्टेशन पहुंचे।
इधर उधर भटकने के बाद स्टेशन के निदेशक आनंद मोहन से मिले। उन्हें पूरी घटना की जानकारी दी। पता चला कि वंदेभारत के साथ ही उनका सामान दोबारा दिल्ली चला गया है। स्टेशन निदेशक ने आरपीएफ इंस्पेक्टर अनूप सिन्हा से बात की। इंस्पेक्टर ने नई दिल्ली स्टेशन के आरपीएफ थाना प्रभारी भूपेंद्र सिंह से बात कर ट्रेन में सामान सुरक्षित कराया। अगले दिन पूरा सामान श्रमजीवी एक्सप्रेस में रखवाया गया जो आज अलसुबह कैंट स्टेशन आया। जानकारी मिलने पर दोपहर स्टेशन पहुंचे एनआरआई दंपती को पूरा सामान वापस मिला तो चेहरे खिल उठे।