जिले में प्राइवेट स्कूल अब मनमानी नहीं कर सकेंगे। फीस बढ़ोतरी व किताबों को लेकर स्कूल प्रबंधन द्वारा अभिभावकों का उत्पीड़न नहीं किया जा सकेगा। इसको लेकर जिलाधिकारी ने स्कूल प्रबंधकों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश दिए हैं। डीएम ने चेतावनी देते हुए कहा कि अब यूपी फीस रेग्युलेशन एक्ट 2018 के तहत कार्रवाई होगी।
जनपद के भू-माफिया, वन माफिया एवं खनन माफिया के बाद अब जिलाधिकारी अरविंद सिंह के रडार पर शिक्षा माफिया हैं। जिले में शिक्षा व्यवस्था को साफ सुथरा रखने, प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने, ड्रेस, किताब आदि के नाम पर अभिभावकों की गाढ़ी कमाई को लूटने से रोकने के लिए जिलाधिकारी ने सख्त रूख अपनाया है। इसको लेकर उनकी अध्यक्षता में जिला शुल्क नियामक समिति की बैठक एमएलके पीजी कॉलेज सभागार में हुई।
बैठक में डीएम ने कहा कि कोई भी प्राइवेट विद्यालय मनमाने ढंग से स्कूल फीस में वृद्धि नहीं कर सकता है। यूपी फीस रेग्युलेशन एक्ट 2018 के तहत जिला शुल्क नियामक समिति की अनुमति के बाद ही स्कूल प्रबंधक फीस वृद्धि कर सकते हैं। फीस वृद्धि के लिए स्कूल प्रबंधक को जिला शुल्क नियामक समिति के समक्ष 02 माह पहले आवेदन करना होगा। शुल्क वृद्धि कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के अनुसार होगी तथा 5 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होगी। जनपद में यूपी फीस रेग्युलेशन एक्ट 2018 के बारे में अधिकतर विद्यालयों के स्कूल प्रबंधक को नहीं पता होने के कारण किसी भी प्रबंधक द्वारा यह कानून लागू होने के बाद शुल्क नियामक समिति के समक्ष फीस वृद्धि के लिए आवेदन नहीं किया गया तथा मनमाने ढंग से फीस बढ़ाया जा रहा था।
डीएम ने कहा कि जिला शुल्क नियामक समिति की अनुमति के बिना फीस वृद्धि करने वाले स्कूल प्रबंधकों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्कूल द्वारा 05 वर्ष के बाद ही स्कूल की ड्रेस चेंज कर सकते हैं तथा छात्रों को किसी विशेष जगह से किताब, ड्रेस आदि खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते। स्कूल प्रबंधन प्रति वर्ष पाठ्य-पुस्तकें नहीं बदल सकते, जिससे अभिभावकों पर बेवजह बोझ पड़े।
डीएम ने बैठक में आए स्कूल प्रबंधकों की भी बातें सुनी जाएगी। इसके लिए स्कूल प्रबंधकों की एक 06 सदस्यीय समिति गठित की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा का मंदिर होते हैं, जहां बच्चों का भविष्य तैयार होता है। स्कूल में छात्रों को अच्छी गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान की जाए। बेवजह अभिभावकों की जेब पर डाका न डाला जाए।
मौके पर एसडीएम संजीव कुमार, डीआईओएस गोविंद राम, बीएसए कल्पना देवी, अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी समस्त स्कूल प्रबंधक मौजूद रहे।