पीएम का चुनाव से पहले संदेश: मोदी कन्याकुमारी में ध्यान साधना साझा की

0
126

Pm modi Kanyakumari experience पीएम मोदी ने देशवासियों के नाम लेख साझा किया है। वोटिंग के अंतिम चरण से पहले पीएम कन्याकुमारी में तीन दिवसीय आध्यात्मिक यात्रा पर गए थे जहां उन्होंने ध्यान साधना की। वो 2 जून को दिल्ली लौटे और इसी दौरान उन्होंने अपने ध्यान से जुड़े अनुभवों को लेख के माध्यम से बताया है। पीएम ने बताया कि उन्हें साधना से क्या लाभ हुआ।

लोकसभा चुनाव के नतीजे कल यानी मंगलवार को आएंगे। उससे पहले पीएम मोदी ने देशवासियों के नाम लेख साझा किया है। वोटिंग के अंतिम चरण से पहले पीएम कन्याकुमारी में तीन दिवसीय आध्यात्मिक यात्रा पर गए थे, जहां उन्होंने ध्यान साधना की। वो 2 जून को दिल्ली लौटे और इसी दौरान उन्होंने अपने ध्यान से जुड़े अनुभवों को लेख के माध्यम से बताया है।

“लोकतंत्र की जननी यानी भारत में लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव लोकसभा चुनाव संपन्न हो रहा है। मेरा मन बहुत सारे अनुभवों और भावनाओं से भरा हुआ है, मैं अपने भीतर असीम ऊर्जा का प्रवाह महसूस कर रहा हूं। 2024 का लोकसभा चुनाव अमृत काल का पहला चुनाव है। मैंने कुछ महीने पहले 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की भूमि मेरठ से अपना अभियान शुरू किया था। तब से, मैंने हमारे महान राष्ट्र की लंबाई और चौड़ाई में यात्रा की है। इन चुनावों की अंतिम रैली मुझे महान गुरुओं की भूमि और संत रविदास जी से जुड़ी भूमि पंजाब के होशियारपुर ले गई। उसके बाद, मैं मां भारती के चरणों में कन्याकुमारी आया।

पीएम बोले- सारे राजनीतिक हमले शून्य में विलीन हुए

पीएम मोदी ने कहा, ”यह स्वाभाविक है कि चुनावों का उत्साह मेरे दिल और दिमाग में गूंज रहा था। रैलियों और रोड शो में दिख रहे लोगों की भीड़ मेरी आंखों के सामने आ गई। हमारी नारी शक्ति का आशीर्वाद… भरोसा, स्नेह, ये सब बहुत ही विनम्र अनुभव था। मेरी आंखें नम हो रही थीं… मैं ‘साधना’ में प्रवेश कर गया और फिर गरमागरम राजनीतिक बहसें, हमले और जवाबी हमले, आरोपों की आवाजें और शब्द जो एक चुनाव की खासियत हैं… ये सब एक शून्य में विलीन हो गए। मेरे भीतर एक वैराग्य की भावना पनपने लगी… मेरा मन बाहरी दुनिया से पूरी तरह से अलग हो गया।”

पीएम ने आगे कहा, ”इतने बड़े दायित्वों के बीच ऐसी साधना कठिन होती है, लेकिन कन्याकुमारी की भूमि और स्वामी विवेकानंद की प्रेरणा ने इसे सहज बना दिया। मैं सांसद के तौर पर अपना चुनाव भी अपनी काशी के मतदाताओं के चरणों में छोड़कर यहां आया था। मैं ईश्वर का भी आभारी हूं कि उन्होंने मुझे जन्म से ये संस्कार दिये। मैं ये भी सोच रहा था कि स्वामी विवेकानंद जी ने उस स्थान पर साधना के समय क्या अनुभव किया होगा! मेरी साधना का कुछ हिस्सा इसी तरह के विचार प्रवाह में बहा।

साधना में भारत के उज्जवल भविष्य के विचार उमड़ेः मोदी

पीएम ने कहा कि इस ध्यान साधना के बीच, मेरे मन में निरंतर भारत के उज्जवल भविष्य के लिए, भारत के लक्ष्यों के लिए निरंतर विचार उमड़ रहे थे। कन्याकुमारी के उगते हुए सूर्य ने मेरे विचारों को नई ऊंचाई दी, सागर की विशालता ने मेरे विचारों को विस्तार दिया और क्षितिज के विस्तार ने ब्रह्मांड की गहराई में समाई एकात्मकता का निरंतर ऐहसास कराया। ऐसा लग रहा था जैसे दशकों पहले हिमालय की गोद में किए गए चिंतन और अनुभव पुनर्जीवित हो रहे हों।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here