जया बच्चन की उम्मीदवारी को लेकर ही सपा के तकरीबन आधा दर्जन विधायकों ने नाराजगी जताते हुए राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी। अपना दल कमेरावादी की नेता व सपा विधायक पल्लवी पटेल की मुखर बयानबाजी के बाद अखिलेश ने तो उनकी पार्टी से ही किनारा कर लिया था। पार्टी में इतने विरोध के बावजूद जिन जया बच्चन को अखिलेश ने राज्यसभा भेजा।
समाजवादी पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में राज्यसभा सदस्य जया बच्चन का नाम भी शामिल है। छह चरणों के चुनाव खत्म हो चुके हैं और सातवें चरण के प्रचार में अब दो दिन बचे हैं, इसके बावजूद जया बच्चन एक भी दिन प्रचार करने नहीं आईं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व डिंपल के चुनाव प्रचार से भी उन्होंने दूरी बनाए रखी। यह हाल तब है जब अखिलेश ने पार्टी में विरोध के बावजूद लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले हुए राज्यसभा चुनाव में लगातार पांचवीं बार उच्च सदन भेजा था।
विधायकों ने की थी क्रॉस वोटिंग
इस वर्ष फरवरी में हुए राज्यसभा चुनाव में सपा ने जया बच्चन, आलोक रंजन व रामजी लाल सुमन को प्रत्याशी बनाया था। जया बच्चन की उम्मीदवारी को लेकर ही सपा के तकरीबन आधा दर्जन विधायकों ने नाराजगी जताते हुए राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी।
अपना दल कमेरावादी की नेता व सपा विधायक पल्लवी पटेल की मुखर बयानबाजी के बाद अखिलेश ने तो उनकी पार्टी से ही किनारा कर लिया था। पार्टी में इतने विरोध के बावजूद जिन जया बच्चन को अखिलेश ने राज्यसभा भेजा, उन्होंने एक भी दिन पार्टी का प्रचार नहीं किया।
नाराजगी नहीं मोल लेना चाहता बच्चन परिवार
सूत्रों के अनुसार, जया बच्चन कांग्रेस से समझौते को लेकर खुश नहीं थीं, इसलिए उन्होंने प्रचार से अपने को दूर रखा। इसके अलावा कुछ लोगों का यह भी दावा है कि बच्चन परिवार सत्ताधारी भाजपा से नाराजगी नहीं मोल लेना चाहता है, इस कारण जया चुनाव प्रचार से अलग रहीं।
सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी कहते हैं कि जया बच्चन की व्यक्तिगत कोई दिक्कत होगी जिस कारण वे प्रचार में नहीं आईं।