Adesh Murder Case: बहुर्चिचत आदेश हत्याकांड, ज‍िसमें 16 साल बाद आया फैसला; IIT कानपुर के पूर्व छात्र को आजीवन कारावास

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आदेश मुंबई में फैशन डिजाइनर थे। समलैंगिक डेटिंग एप के जरिए उसकी जान पहचान राहुल वर्मा से हुई थी। राहुल वर्मा आईआईटी कानपुर में पढ़ाई करता था। चार अगस्त 2008 को आदेश राहुल से मिलने लखनऊ आए थे। इसके बाद दस अगस्त को कानपुर में मामा के घर चले गए। वहां ममेरे भाई विवेक त्रिवेदी ने आदेश को मूलगंज चौराहे पर छोड़ा था। इसके बाद आदेश गायब हो गए थे।

विधि संवाददाता, लखनऊ। फैशन डिजाइनर आदेश बाजपेयी की हत्या कर साक्ष्य छिपाने के दोषी उसके दोस्त आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र राहुल वर्मा को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश अनुरोध मिश्रा ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी पर 75 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।

जानकारी के मुताबिक, आदेश मुंबई में फैशन डिजाइनर थे। समलैंगिक डेटिंग एप के जरिए उसकी जान पहचान राहुल वर्मा से हुई थी। राहुल वर्मा आईआईटी

व‍िवेक ने दी थी आदेश के गुमशुदा होने की सूचना

विवेक ने 13 अगस्त को फोन कर आदेश के गुमशुदा होने की सूचना दी थी। इसके पांच दिन बाद आदेश के पिता सूर्य कुमार कानपुर पहुंचे। उन्होंने तत्कालीन एसएसपी से मुलाकात की। एसएसपी के आदेश पर मूलगंज थाने में आदेश के अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ। सूर्य कुमार ने इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस घटना की तफ्तीश कर रही थी।

आईआईटी कैंपर में म‍िला मानव कंकाल

इस बीच आईआईटी परिसर में 23 अगस्त को एक मानव कंकाल मिला। कंकाल की शिनाख्त नहीं हो सकी थी। आइआइटी के सुरक्षा अधिकारी ने इसकी रिपोर्ट कल्याणपुर थाने में दर्ज कराई थी। पोस्टमार्टम के लिए कंकाल भेजा गया। मामले की जांच पुलिस ने फिर ठंडे बस्ते में डाल दी। पीड़ित सूर्य कुमार ने हाई कोर्ट में गुहार की। कोर्ट के आदेश के बाद आठ अक्टूबर, 2010 को मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के आदेश पारित हुए। इसके बाद सीबीआई ने तफ्तीश शुरू की और परत दर परत उखाड़ दी। साक्ष्यों और गवाहों का संकलन कर कोर्ट में पेश किया।

सीबीआई ने पेश क‍िए 44 गवाह, 66 दस्तावेज, 16 साक्ष्य

अभियोजन के अनुसार, सीबीआई ने कातिल को सजा दिलाने के लिए 44 गवाह, 66 दस्तावेज, 16 साक्ष्य कोर्ट में प्रस्तुत किए। केमिकल डालकर जलाया था आदेश का शव सीबीआई ने डीएनए टेस्ट कराया, जिससे पता चला कि आईआईटी में मिला कंकाल आदेश का ही था। मोबाइल फोन की डिटेल और एप की हिस्ट्री से साक्ष्य संकलन किए। इसके बाद राहुल वर्मा को जनवरी 2012 में गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में पता चला कि राहुल से मिलने के लिए आदेश मुंबई से लखनऊ आया था और यहां से कानपुर पहुंचा था। मूलगंज में यहां उसकी मुलाकात आदेश से हुई। राहुल, आदेश को आईआईटी कानपुर ले गया था और वहां उसकी हत्या कर दी। इसके बाद साक्ष्य मिटाने के लिए केमिकल डालकर उसका शव जला दिया था।

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